वाराणसी/मिर्जामुराद : क्षेत्र के भिखारीपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का कूड़ा कचरा अवजल आसपास के किसानों के खेतों में फेंकने को लेकर लोगों में आक्रोश बना हुआ है. उक्त विद्यालय के पास किसानों के खेतों में कूड़ा डांपिंग होने के कारण आस-पास के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, कचरे की बदबू की वजह से लेागों का जीना मुहाल हो गया है.
कचरे के दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल
स्थानीय किसान रवि शंकर चौबे व हरि शंकर चौबे ने बताया कि उक्त विद्यालय के सड़े-गले कचरे को हमारी खेतों में गिराया जा रहा है. कभी-कभी कचरे के साथ यूज सेनेटरी पैड को फेंक दिया जाता है. जिसकी दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो जाता है. खासकर गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर कुछ माह पहले स्थानीय लोगों ने वार्डेन से कूड़ा फेकने पर रोक लगाने की शिकायत की थी. लेकिन आजतक समस्या का निदान नहीं हो पाया.
सालों से फेंका जा रहा कचरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां सालों से कचरा फेंका जा रहा है, पूरे विद्यालय का कचरा यहां किसानों के खेतों में डंपिंग किया जा रहा है. जिससे इस इलाके के रहने वाले लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, कचरे की गंदगी से कई लोग बीमार भी हो जाते हैं. सरकार एक तरफ गाँव की साफ-सफाई को लेकर कई योजना चला रही है. वहीं, भिखारीपुर में कई सालों से खेतों के बीचो-बीच कूड़ा डंपिंग किया जा रहा है. और खुद उक्त विद्यालय के अंदर और बाहर गंदगी पसरी हुई है.
धन्यवाद
द्वारा
राजकुमार गुप्ता
वाराणसी
किसानों के खेत में फेंका जा रहा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का कचरा
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