रिपोर्ट- अनुज मौर्य
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के सेंट्रल बोर्ड बैठक में बड़ा फैसला हुआ है. इस बैठक में 99,122 करोड़ रुपये के सरप्लस अमाउंट को केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के सेंट्रल बोर्ड बैठक में बड़ा फैसला हुआ है. इस बैठक में 99,122 करोड़ रुपये के सरप्लस अमाउंट को केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. केद्रीय बैंक की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया कि सरप्लस अमाउंट 31 मार्च, 2021 को समाप्त हो रही नौ महीने के अकाउटिंग पीरियड (Account Period) के लिए सरकार को ट्रांसफर की जाएगी. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Central Board of Directors of Central Bank) की शुक्रवार को हुई बैठक में ये अहम फैसला लिया गया.
आज RBI की बोर्ड बैठक में हुआ फैसला (Decision taken in RBI board meeting today)
दरअसल आरबीआई (RBI) की ओर से जारी की गई रिलीज के मुताबिक सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 589वीं बैठक में आर्थिक परिस्थितियों (Economic conditions), वैश्विक (Global) और घरेलू (domestic) चुनौतियों की समीक्षा की गई. इस बैठक में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर भी चर्चा की गई. बता दें दूसरी लहर (Second Wave Of Corona) के इकोनॉमी पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए भी RBI ने चर्चा की है. बोर्ड ने इस संक्रमण के दौरान रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट और अकाउंट्स को मंजूरी दी है. साथ ही माना जा रहा है कि RBI को फॉरेन करेंसी (Foreign Currency) की बिक्री से अच्छी कमाई हुई है.
किस साल कितना सरकार को ट्रांसफर (In which year, how much transfer to the government)
साल (year) करोड़ रु (Crore)
2015-16 65, 876
2016-17 30,659
2017-18 50,000
2018-19 1,75,987
क्या होता है सरप्लस फंड (What is a surplus fund)
RBI पूरे साल के दौरान जो आमदनी करता है, उस खर्च में से जो अमाउंट निकलती है, वो उसका सरप्लस फंड होता है. इससे एक तरह से मुनाफा भी कहा जाता है, जिसके चलते बनाए गए नियमों के अनुसार RBI इस मुनाफे को सरकार के हाथ में देता है. साथ ही एक हिस्सा जोखिम प्रबंधन (risk management) के तहत अपने पास रखता है. इससे पहले बता दें RBI ने साल 2019 में मोदी सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए की अमाउंट ट्रांसफर की थी. RBI द्वारा इस फैसला की विपक्षियों ने जमकर आलोचना की थी.