केन बेतवा गठजोड़

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मिले जल मेरा तुम्हारा तो जीवन बने हमारा ….

राकेश कुमार अग्रवाल
सदियों से जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना को आखिरकार शुरू करने जा रही है।
उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश दो राज्यों के बीच 15 वर्षों से उलझी केन बेतवा गठजोड़ को दोनों राज्यों की आपसी सहमति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फेंस के माध्यम से लांच कर दिया है। यह देश की पहली नदी जोड़ों परियोजना है। सोमवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर साइन किए। इस नदी जोड़ो परियोजना का मूल मकसद बुंदेलखंड की जल समस्या का स्थायी रूप से निराकरण करना है। इस परियोजना का खाका नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी ग्वालियर द्वारा खींचा गया है।
कभी बाढ़ , कभी सूखा , कभी ओलावृष्टि जैसी समस्याओं के निराकरण के लिये पूर्व प्रधानमंत्री ने अटलबिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट नदियों को आपस में जोडने को इसका सही रास्ता बताया था।
भारत सरकार ने देश की 37 नदियों को आपस में जोड़े जाने के प्रस्तावों को सिद्धाततःसहमति दी है। नदियों के गठजोड़ की इस परियोजना के प्रथम चरण में केन नदी को बेतवा नदी से जोड़ने का प्रस्ताव है। इस योजना के तहत गत 25 अगस्त 2005 को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश सरकारों द्वारा केन बेतवा नदी जोड़ परियोजना पर त्वरित कार्य स्वीकार किया गया है।
इस परियोजना के अंतर्गत बुंदेलखंड में केन नदी पर छतरपुर व पन्ना जिलों की सीमा पर 73 मीटर ऊंचा बांध बनाकर 231 किमी0 लंबी नहर निकाली जाएगी , जो केन व बेतवा को जोड़ेगी। उस समय इस परियोजना पर 1988.74 करोड़ रुपये की धनराशि के व्यय का अनुमान लगाया गया था। परियोजना का अमल शुरू हो इसके पहले ही यह आंकड़ा 6000 करोड़ रुपए को पार कर गया।
इस परियोजना का मुख्य बांध पन्ना टाइगर रिजर्व के निकट डोढन गाँव में बनना है। केन बेतवा लिंक परियोजना में चार बांध प्रस्तावित हैं । केन नदी पर डोढन बांध बनेगा। 77 मीटर ऊंचे व 19633 वर्ग किमी0 जल ग्रहण क्षमता वाले इस मुख्य बांध में 2853 एमसीएम पानी भंडारण की क्षमता होगी। 2613 करोड़ की लागत वाले इस बांध से दो बिजलीघर बनेंगे। जिससे 36 मेगावाट बिजली बनेगी। इन बिजलीघरों पर 342 करोड़ की धनराशि के व्यय होने का अनुमान है। बांध से 2708 करोड़ की लागत से नहरें बनाई जाएंगी। 218 किमी0 लंबी मुख्य नहर उत्तर प्रदेश के बरुआसागर में जाकर मिलेगी। इस नहर से 1074 एमसीएम पानी प्रतिवर्ष भेजा जाएगा। जिसमें से 659 एमसीएम पानी बेतवा नदी में पहुचेगा।
डोढन गाँव के अलावा तीन और बांध और भी मध्य प्रदेश की जमीन पर बेतवा नदी पर बनेंगे। रायसेन व विदिशा जिले में बनने वाले मकोडिया बांध से 56850 हेक्टेयर क्ष्रेत्र में बरारी बेराज से 2500 हेक्टेयर व केसरी बेराज से 2880 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। लिंक नहर से मार्गों में 60294 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। इसमें मध्य प्रदेश के 46599 हेक्टेयर व उत्तर प्रदेश के 13695 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। डोढन बाँध से छतरपुर और पन्ना जिले की 3.23 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।
केन नदी :- बेतवा नदी की तरह यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की नदी है। इसका उदगम स्थल मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में हैं। केन नदी की कुल लंबाई यमुना के मिलने के स्थान तक 427 किमी0 है। जिसमें 292 किमी0 मध्य प्रदेश में तथा 84 किमी0 उत्तर प्रदेश में आता है। जबकि 51 किमी0 दोनों राज्यों की सीमा के अंतर्गत आता है। केन नदी यमुना नदी से चिल्ला गाँव के पास उत्तर प्रदेश के निकट संगम बनाती है। केन नदी मध्य प्रदेश के जबलपुर , सागर , दमोह , पन्ना , सतना , छतरपुर और रायसेन जिले के और उत्तर प्रदेश के हमीरपुर , बांदा जिलों में बहती है। केन नदी का जलग्रहण क्षेत्र 28224 वर्ग किमी0 है।
केन नदी पर लगभग 100 वर्ष पूर्व गंगऊ (छतरपुर) तथा बरियापुर (पन्ना) दो स्थानों पर बेराज बनाये गए थे। जिनके माध्यम से पन्ना तथा बांदा जिलों के अनेक गाँव सिचाई की सुविधा प्राप्त करते हैं। 1950 के दशक में छतरपुर जिले में प्रवाहित होने वाली बन्ने नदी पर रनगवा बांध बनाया गया। जो स्थानीय सिचाई के अतिरिक्त बरियापुर बेराज के माध्यम से केन कनोल प्रणाली को अतिरिक्त जल की आपूर्ति करता है।
केन नदी की सहायक नदियां :- चंद्रावल , कैल , श्यामरी , बनने , कुटरी , उर्मिल , अलोना , वीरना , सोनार , मीरहसन।
बेतवा नदी :- बेतवा नदी का उदगम मध्य प्रदेश जिले के रायसेन जिले में है। बेतवा नदी की कुल लंबाई 590 किमी0 है। यह 232 किमी0 की दूरी मध्य प्रदेश में और 358 किमी0 उत्तर प्रदेश में तय करती है। यह मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ , सागर , दमोह , रायसेन , भोपाल , गुना , शिवपुरी , छतरपुर एवं उत्तर प्रदेश के हमीरपुर व जालौन जिलों में बहती है। विंध्य पर्वत श्रंखला से निकली इस नदी का जल ग्रहण क्षेत्र 43895 वर्ग किमी0 है।
बेतवा नदी पर ललितपुर तथा झांसी जिलों में राजघाट व माताटीला बांध , ढुकुवा एवं पारीछा बेराज बनाए गए हैं। राजघाट बहुउद्देशीय बांध है जो मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश को सिचाई तथा मध्य प्रदेश क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति करता है। जबकि माताटीला बिजली उत्पादन करता है। पारीछा में ताप बिजली घर तथा सिचाई हेतु नहरों की व्यवस्था है। ढुकुवा बेराज बेतवा नहर प्रणाली को अतिरिक्त जल प्रदान करता है।
बेतवा नदी की सहायक नदियां :- बीना , जामनी , धसान , बिरमा , कलियासोट , हलाली , बाह , नारायन ।

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