कोरोना काल में जहां जिंदगी रुक गई है मानसिक तनाव में हर एक प्राणी है – माया

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राष्ट्रीय डेस्क-कोरोना काल में जहां जिंदगी रुक गई है मानसिक तनाव में हर एक प्राणी है वही ऑनलाइन क्लासेस ऑफिस वर्क सभी की शुरुआत है यूं तो पहले भी हम सभी! वर्चुअल कॉल करते थे पर अब यह पूर्णता व्यवसायिक हो चुके हैं यह कहना की शास्त्रीय नृत्य कला संगीत ऑनलाइन सिखाया जाने लगा है कथक नृत्यांगना डायरेक्टर ऑफ नृत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट बताती है कि वह प्रोफेशनल कथक कलाकार है और वह प्रोफेशनली 20 सालों से सीखा एवं कला प्रदर्शन कर रही है उनका कहना है कि हम कलाकार 2 साल से इसी तरह से अपने आप को बंद कर कर जीवन यापन का कोई रास्ता ढूंढ रहे थे, पर मेरा मानना है कि इस तकनीकी समय में हमें ऑनलाइन की भी आदत डाल लेनी चाहिए मैं देश विदेश से काफी छात्रों को जुड़े हुए हो मेरा यह अनुभव है कि ऑनलाइन कला सिखाई जा सकती है क्योंकि अब यह हालात की मांग भी है ,ऑनलाइन सिखाने में एक जो फायदा है वह यह है कि आप देश विदेश से अपने स्टूडियो में वह कर ही जुड़ सकते हैं जैसे कि मैं भारत भारत के बाहर के भी कई छात्रों को सिखा रहे हो और इस इस महामारी के समय में यह शिक्षक एवं छात्र दोनों के लिए जरूरी है छात्रों की इसलिए क्योंकि आज का जो समय है वह पूरी तरह नकारात्मक हो गया है हर जगह से , हर परिवार में बुरी खबरें आ रही हैं इसका नतीजा बढ़ते बच्चों पर पड़ता है वह डर जाते हैं , जिंदगी को जीने की उमंग नहीं रहती दूसरा यह कि आजकल बच्चे कोरोना की वजह से घरों में बंद है तो उनकी किसी भी कोई भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो पाती जिससे वह अपने आप को मानसिक स्वस्थ महसूस नहीं करेंगे शास्त्रीय नृत्य एक ऐसा विकल्प है स्वस्थ रहने के लिए जो योग, साइकोलॉजी एवं नृत्य को साथ में लेकर सिखाया समझाया जाता है, जिसमें जिंदगी के लिए काफी सकारात्मक नजरिया बनता है जो कि बच्चों के लिए जरूरी है! और ऑनलाइन कक्षाओं में मैं अपने छात्रों को तबला थिएटर वाद्य यंत्र और कई बड़ी-बड़ी हस्तियों से भी मिल आती रहती हूं ताकि उनको उनको देखकर ऊर्जावान रहे और प्रेरणा ले सकें।

वही शरण्या बेंगलुरु से का कहना है कि वह पिछले 6 महीनों से ऑनलाइन की कक्षाएं ले रही है और ऑनलाइन नृत्य सीख कर खुश भी है और इसी बीच में उन्हें ऑनलाइन माध्यम से नृत्य करने को भी मिला हालांकि प्रदर्शन करने के लिए मंच से सुंदर कोई स्थान नहीं है पर आज आज के जो हालात है उसमें खुद को खुश रखना भी जरूरी है ताकि हम डिप्रेशन के शिकार ना हो क्योंकि हमारा स्कूल बंद है किसी हॉबी क्लासेस में हम जा नहीं पा रहे हैं तो सारा दिन घर पर रह कर ऑनलाइन पढ़ाई कर कर स्कूल के थकान बहुत हो रही है एक अच्छा विकल्प रहा है जो मुझे बहुत ही क्रिएटिव रखता है

पूजा नोएडा से कहती है कि में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं पर मैं ऑनलाइन क्लासेज ले रही हूं इससे मेरे खुद के लिए जो मेरा शौक खोया हुआ था वह मुझे वापस मिला और लॉकडाउन में एक सकारात्मक सोच मुझे मिली कि अपने सपनों को जीने के लिए कोई उम्र या समय नहीं होता है
अषमी नोएडा से के माता-पिता कहते हैं कि हम दोनों ही कामकाजी है , हमारे लिए बहुत मुश्किल था कि सारा दिन बच्चे को घर पर रहकsर कोशिश और शास्त्रीय नृत्य से सुंदर कुछ और हमारी बेटी के लिए हो ही नहीं सकता था और यह देख कर यकीन हो रहा है कि जिस तरह से वह इस नृत्य को सीख रही है वह उसके भविष्य के लिए भी एक अच्छी सकारात्मक पहल हो सकती है

प्रत्याशीता, मथुरा से कहते हैं कि वहां एक डॉक्टर है और बचपन से ही नृत्य सीखना चाहती थी इस लॉकडाउन में उन्होंने नृत्यम संस्थान मैं सीखना शुरू किया भी एवं संस्था के माध्यम से काफी जगह पर परफॉर्म भी किया जो कुछ ऑनलाइन थे कुछ ऑफलाइन इस तरह से वह अपनी हॉबी को प्रोफेशनली कर रही हैं जिससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है और इस समय के लिए यह बहुत जरूरी भी है!
संध्या लोधी स्टूडेंट ऑफ नृत्यम परफॉर्मिंग आर्ट बुलंदशहर उत्तर प्रदेश ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं संध्या का कहना है कि पहले बुलंदशहर से आकर रेगुलर क्लासेस संभव नहीं थी पर अब मेरा यह सपना सच हुआ और मैं नृत्य सीख कर अपने आपको निखार लाऊंगी और भविष्य के लिए अपने आप को मंच प्रदर्शन लिए तैयार करूंगी!

यशिता यादव नोएडा 9 वर्ष नृत्यम इंस्टीट्यूट आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैं पिछले 1 साल से कत्थक सीख रहे हैं , सिर्फ सीखा ही नहीं अपितु नेशनल टीवी ऑफलाइन परफॉर्मेंसेस और ऑनलाइन परफॉर्मेंसेस भी दिए जिससे इस कोरोनावायरस काल में उन्हें काफी आत्मविश्वास महसूस हुआ !

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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