गरीब अभिभावकों की चिंता बढ़ी,
वाराणसी: (सोमवार- 07/09/2020), गरीब बच्चों के दाखिले कब तक होंगे उस पर फिलहाल संशय बरकरार है। कोरोना के कारण प्रवेश प्रक्रिया काफी पिछड़ चुकी है। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश को लेकर कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। लॉकडाउन के बीच स्कूलें बंद हैं पर निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से हर विषय की पढ़ाई करा रहे हैं।
अभिभावकों से लगातार फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने हुए हैं। वाट्सएप के माध्यम से होम वर्क भी कराया जा रहा है। इधर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और वंचित समूह के बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया ही ठप हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से कोई गाइड लाइन ही जारी नहीं की गई है। इसके चलते आवेदन कर चुके अभिभावक चिंता में हैं कि निजी स्कूलों की आरक्षित सीटों पर एडमिशन मिलेगा या नहीं? मार्च से ही आवेदक लिए जा रहे थे। कई बार अंतिम तिथि बढ़ने के बाद 10 अगस्त तक फार्म भरे गए। इस बार अभिभावकों की ओर से एडमिशन के लिए रिकॉर्डतोड़ आवेदन भी कर दिया गया है।
पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे बच्चे,
दर्जनों गरीब बच्चों का आवेदन करा चुकी स्वैच्छिक सेवा प्रदाता शिक्षिका पूजा गुप्ता का कहना है कि निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है तो फिर आरटीई एडमिशन भी शुरू कराया जाना चाहिए ताकि गरीब तबके के बच्चे पढ़ाई से पीछे न हटे।
गौरतलब है कि निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए नगर में तीसरी व अंतिम तथा ग्रामीण में दो चरणों की सूची एक साथ जारी कर दी गई है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार लगभग 5000 बच्चों का निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए चयन होगा। जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता समग्र शिक्षा विमल केशरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के तीसरे चरण की सूची जल्द जारी की जाएगी है। उधर, सामाजिक कार्यकर्ता आरटीई एक्टिविस्ट राजकुमार गुप्ता का कहना है कि सूची में शामिल कई छात्रों का प्रवेश लेने में कुछ विद्यालय अभिभावकों से पैसे मांग रहे हैं और आनाकानी कर रहे हैं। उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रवेश के लिए पत्र भी बीआरसी से दिया जा रहा है। यदि सूची में शामिल किसी बच्चे का कोई विद्यालय पैसे मांग रहा है एडमीशन नहीं लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
धन्यवाद
द्वारा
राजकुमार गुप्ता
जिला- वाराणसी