संदीप रिछारिया (वरिष्ठ संपादक)
चित्रकूट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिलियत को यू ही ट्रम्प नही मानते, बल्कि उन्होंने वह कर दिखाया है जो कल्पना से भी परे है। कोरोना के चक्कर मे सभी ब्रांडों की खाट खड़ी करने के बाद रविवार की रात 9 बजे देशवासियो को एक बार दीपावली मनाने का संयोग दे दिया। इस समय ऐसा लग रहा है चुनाव नही बल्कि घर घर मोदी का पूरा जलवा है। दिल्ली से मोदी ने आवाज दी जनता खुद कर्फ्यू लगाए तो लोग खड़े हो गए, लाकडाउन होगा तो सब पालन कर रहे है।जनता अपने घर मे रहकर सभी कर्मचारियों व कोरोना से बचाव में लगे लोगों को धन्यवाद दे, तो लोग खड़े हो गए।रविवार की रात भी देश भर के लोगो के साथ धर्मनगरी के साधू संतो के साथ स्थानीय लोगो ने अपने घरों के बाहर दिए जलाकर देश के एक सूत्र में बंधे रहने का संदेश दिया।
दुनिया में जब-जब वैश्विक संकट पैदा हुआ है, तब-तब भारत ने किसी भी संकट को चुनौती देकर दिशा देने का काम किया है। वैश्विक महामारी कोरोना ने आज दुनिया के सभी विकसित राष्ट्रों को भी बौना साबित कर दिया है, ऐसे में उनकी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।कोरोना वायरस ने भारत की भी आस्था, परंपरा, विश्वास और विचारधारा पर हमला बोला है, लेकिन भारत की गौरवशाली परंपरा, एकजुटता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मविश्वास पूर्ण प्रयासों के चलते कोरोना भारत में आकर बौना महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर एक बार फिर सभी लोगों ने एकजुटता और अखंडता का परिचय देकर दीप से दीप जलाकर कोरोना के संक्रमण मयी अंधकार को मिटाने प्रकाश पर्व का संदेश दिया।
इस अवसर पर भारत रत्न नानाजी देशमुख के आवास सियाराम कुटीर चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन सहित वहां रह गए कार्यकर्ताओं एवं कार्यकर्ताओं के परिवारों ने भी सरसों के तेल के दीपकों की असंख्य लड़ियों को दीप से दीप जलाकर देश की एकजुटता का परिचय देते हुए प्रकाश की महाशक्ति का एहसास कराया।चारों तरफ दीपों के जगमग प्रकाश से ऐसा लग रहा था, मानो देश के हालात बिल्कुल सामान्य है, और लोग खुशी प्रकट करके दूसरी दिवाली मना रहे हों। इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने बताया कि मोदी जी के आह्वान पर 22 मार्च को देशभर के कोने-कोने से जिस प्रकार लोगों ने अनुशासन और सेवाभाव का परिचय दिया, वह अभूतपूर्व रहा। उस समय कोरोना वाॅरियर्स को धन्यवाद देना आज दुनिया के सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। कई देश इसको दोहरा रहे हैं।
उसी तरह 5 अप्रैल को और वह भी रात्रि को 9 बजे, पूरे 9 मिनिट तक दीपक जलाने के लिए मोदी जी की अपील के पीछे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों वजह है। दरअसल इन दोनों ही क्षेत्रों में रोशनी या प्रकाश का अपना महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रकाश में गर्मी होती है, ऐसे में इसके प्रभाव से वायरस और बैक्टीरिया आदि आसानी से नष्ट हो जाते हैं। उसी तरह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें तो दीपक नकारात्मक चीजों को खत्म करता है। रोशनी को रक्षा कवच माना गया है।खासतौर पर सरसों के तेल की ज्वाला से सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में निरंतरता आती है। इतना ही नहीं दीपक दुख, दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करता है। इसीलिए सनातन धर्म में संजा-बत्ती के रूप में प्रतिदिन दीपक जलाने की परंपरा आज भी प्रत्येक घरों में जीवंत है।
कामदगिरि पूर्वी मुखारबिंद के मुख्य पुजारी भरत शरण जी एवं प्रधान पुजारी पं. रोहित जी महाराज ने भगवान श्री कामतानाथ के सम्मुख 21 दीपक जलाकर सभी देश वाशियों के स्वस्थ जीवन की मंगल कामना की।
अभय महाजन ने कहा कि इस अवसर पर 9 मिनिट तक दीपक की लौ मैं किए गए आत्मचिंतन से जो ऊर्जा निकली है, वो हमें कोरोना महामारी से लड़ने में सहायक होगी।इस अंधकार मय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज पुंज को चारों दिशाओं में फैलाना है, और लाॅकडाउन की वजह से परेशान गरीबों की निराशा को आशा में बदलना है।
प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास ने दिए जलाए।
चित्रकूट में पंजाबी भगवान आश्रम के महंत श्री श्री 108 राजकुमार दास जी महाराज के सानिध्य में , आश्रम परिसर में साधु-संतों के द्वारा ओम की आकृति में 501 दीपों के द्वारा आश्रम परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आवाहन से कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए सभी देशवासियों 5 अप्रैल रात्रि 9:00 बजे 9 मिनट के लिए किए गए अपील मैं सभी देशवासी एकजुट व विश्व कल्याण शांति के लिए प्रार्थना आश्रम परिसर में की जा रही ह। इस मौके में आश्रम परिसर सभी साधु संत, के द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। इस मौके पर मनीराम शास्त्री, सुरेश शास्त्री आदि लोगों ने दीप प्रज्वलित किये।