कोरोना संक्रमण के चलते बदलीं सामाजिक परम्पराएं

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मृत्यु भोजके बजाए वृद्धाश्रम पहुंचाई भोजन सामग्री

राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड ( महोबा )
कोरोना संक्रमण ने सदियों से चली आ रही तमाम सामाजिक परम्पराओं के रूप स्वरूप को भी बदल बदल डाला है . तेरहवीं की रस्म में आयोजित होने वाले मृत्यु भोज व अस्थियों के विसर्जन के रूप स्वरूप में भी बदलाव आ गया है .
नगर के व्यवसायी संदीप अग्रवाल की मां कमला देवी का हाल ही में 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था . संदीप ने मां की तेरहवीं पर कोरोना संक्रमण ने फैल जाए इसलिए उन्होंने मृत्यु भोज के बजाए आटा , दाल , सब्जियां , तेल , मसाले , नमकीन , सोन पापडी आदि खाद्य सामग्री को लेकर महोबा में वृद्धाश्रम पहुंचा दिया ताकि जरूरतमंदों के भोजन का इंतजाम हो जाए . उन्होंने ब्राह्मण भोज को घर पर कराने के बजाए खाद्य सामग्री एवं दान में दी जाने वाली सामग्री को पैक कराकर ब्राह्मणों के घर पर पहुंचा दिया .और तो और उन्होंने इस अवसर पर रिश्तेदारों को भी घर पर निमंत्रित नहीं किया बल्कि उन्हें सूचना देकर घर से ही मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील की .
इसी तरह डा. आत्मप्रकाश ने अपने पिता के निधन पर भी तेरहवीं पर आयोजित होने वाले मृत्यु भोज को आयोजित न करने का फैसला किया है . डा. आत्मप्रकाश ने पिता की अस्थियों को ओरछा में बेतवा नदी में जल प्रवाहित किया है . डा. आत्मप्रकाश के अनुसार उन्होंने कुछ अस्थियां एवं भस्म रोक ली है जब कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो जाएगा तब वे इलाहाबाद भी हो आएंगे . लेकिन फिलहाल संक्रमण के कारण उन्होंने इलाहाबाद न जाने का फैसला किया है .

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