गरीबी से लड़कर डॉक्टर बनने चली कंचन से संस्था सदस्यों ने राखी बंधवा कर सौंपा 21 हजार का चेक

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दि आयुष्मान फाउंडेशन ने चिकित्सीय शिक्षा के लिए की आर्थिक मदद

अयोध्या। जिले के अमानीगंज ब्लाक में मौजूद चमरुपुर गांव के एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाली कंचन ने संघर्षों से लड़कर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में मौजूद प. जवाहर लाल नेहरू स्टेट होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में चिकित्सीय पढ़ाई ( बी.एच.एम.एस. ) के लिए दाखिला लिया।

प्रारम्भिक शिक्षा गांव के पास मौजूद कस्तूरबा गांधी बालिका इंटर कालेज से की। इंटर टॉप करने पर कंचन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर उसकी मां गुड़िया देवी ने कर्ज लेकर नीट की तैयारी के लिए लखनऊ भेज दिया। इसी बीच कंचन के पिता स्व राम दास जो कि साईकिल पंचर की दुकान से परिवार चलाते थे अचानक उनकी मृत्यु ने परिवार को और ज्यादा आर्थिक तांगीयो की तरफ ढकेल दिया।

कंचन ने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण एजुकेशन लोन लेकर कालेज की फीस तो जमा कर दी। लेकिन हॉस्टल व अन्य खर्च के लिए जब सभी उम्मीदें खत्म होती हुई दिखी तब कंचन ने गांव के ही एक हम उम्र डॉक्टर दिलीप के माध्यम से फाउंडेशन से मदद मांगी। जिसके बाद आज दि आयुष्मान फाउंडेशन के सदस्यों ने सबसे पहले कंचन बहन से राखी बंधवाई और फिर 21000 ₹ ( इक्कीस हजार रूपए ) का चेक, 3 सूट, 501 ₹ नगद व पेन भेट कर उज्जवल भविष्य की शुभकानाएं दी।

इस मौके पर संस्था की तरफ से पहुंचे पुष्पेन्द्र पांडेय व नन्हे यादव ने बहन को संस्था द्वारा प्रत्येक माह आर्थिक रूप से मदद करने का आश्वासन भी दिया। वहीं शिवम जायसवाल ने प्रशस्ति पत्र देते हुए एक अच्छी डॉक्टर बनकर लोगो का बेहतर इलाज करने की शुभकानाएं दी।

इस मौके पर संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष समाजसेवी पटेल पवन वर्मा, उपाध्यक्ष राहुल गुप्ता, सुरेंद्र कोरी, डॉ दिलीप कुमार आदि लोग मौजूद रहे।

  • मनोज कुमार तिवारी
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