आदि गुरुओं का अभिषेक जल, माल्यार्पण, धूप-दीप और नैवेद्य से

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महराजगंज, रायबरेली। महावीर स्टडी स्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज में सभी बच्चों तथा अध्यापकों की उपस्थिति में प्रबंधक अवधेश बहादुर सिंह एवं प्रधानाचार्य कमल बाजपेई ने आदि गुरुओं का अभिषेक जल, माल्यार्पण, धूप दीप नैवेद्य से किया।

“मां प्रथम गुरु होती है। पिता इसके बाद और फिर शिक्षक आते हैं। हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए।”

प्रबंधक स्वदेश बहादुर सिंह ने कहा की मां प्रथम गुरु होती है। पिता इसके बाद और फिर शिक्षक आते हैं। हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए।

प्रधानाचार्य कमल बाजपेई ने अपने उद्बोधन में कहा कि ” गु” का अर्थ अंधकार “रु” का अर्थ ज्ञान अतः जो ज्ञान द्वारा अंधकार का नाश करे, वही गुरु है।

वेद व्यास की जयंती पर अषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाते हैं। आज के दिन भगवान शिव द्वारा अपने शिष्यों को ज्ञान दिया गया था। गौतम बुध ने धर्म चक्र प्रवर्तन किया था। आदि गुरुओं के संबंध में बताया। भगवान शिव के बाद दत्तात्रेय सबसे बड़े गुरु थे। देवताओं के गुरु अंगिरा ऋषि उनके पुत्र बृहस्पति और उनके पुत्र भारद्वाज हुए।

असुरों के गुरु शुक्राचार्य तथा भृगु थे। महाभारत काल में द्रोणाचार्य एकलव्य, कौरवों एवं पांडवों के गुरु थे। कर्ण के गुरु परशुराम थे। वेदव्यास, गर्ग मुनि, सांदीपनी एवं दुर्वासा आदि महान गुरु थे। हमें अपने माता-पिता गुरु का रोज सम्मान, वंदन करना चाहिए। इस मौके पर गिरजा शुक्ला, राजू मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव ,अभिषेक मिश्रा, सुरेंद्र प्रजापति, मंजू सिंह, ज्योति जयसवाल, लक्ष्मी सिंह सहित सभी शिक्षक व शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।

  • अशोक यादव एडवोकेट
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