गोशाला में नहीं मिला ठिकाना तो हाइवे को बनाया आशियाना

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  • राजातालाब चौराहों और तिराहों पर छुट्टा जानवरों का बोलबाला

  • आवारा गोवंशों की वजह से राहगीर और किसान परेशान हो रहे

वाराणसी। राजातालाब तहसील क्षेत्र में आवारा घूमने वाले गौवंशों के संरक्षण के लिए गौशालाएं तो खोली गईं, लेकिन छुट्टा जानवरों को वहां ठिकाना नहीं मिलता। इस कारण राजातालाब के चौराहों और तिराहों पर छुट्टा जानवरों का जमघट लगा रहता है। यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़कों से गुजरने वाले नेता और अधिकारी इन जानवरों के झुंड को नजरअंदाज कर देते हैं।

आवारा गौवंश इन दिनों गांव, कस्बो और बाज़ारों में मुसीबत बने हुए हैं। गांव में गौवंशों के झुंड से फसलों को बचाना किसानों के लिए मुश्किल होता है तो क़स्बों और बाज़ारों में वाहन चालकों और राहगीरों के लिए गौवंश मुसीबत बने हुए हैं। सम्पर्क मार्ग हों या नेशनल हाईवे, हर जगह गाय और सांडों के झुंड घूमते-फिरते नजर आ जाते हैं। छुट्टा जानवरों की समस्याओं से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी नागरिक अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता।

दूसरी तरफ शासन की ओर से गौशालाओं को बजट दिया जा रहा है जिससे गौवंशों के लिए भूसे और दाने की व्यवस्था हो सके। जबकि असलियत में गौशालाओं के नाम पर सिर्फ ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

गौशालाओं में जो गौवंश हैं भी तो उनको न तो भरपेट भूसा मिलता है और न ही घास। गौशालाओं से अधिक गौवंश सड़कों और खेतों पर घूमते दिखाई देते हैं। सड़क में घूम रहे आवारा गौवंशों की वजह से राहगीर और किसान परेशान हो रहे हैं।

राजातालाब निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने उच्चाधिकारियों को ट्वीट कर बताया कि राजातालाब चौराहा व्यस्ततम जगह है। नेशनल हाईवे होने के कारण यहां छोटे, बड़े और भारी वाहनों का आवागमन रहता है। ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए चौराहे पर पुलिस चौकी भी बना हुआ है। इसके बावजूद मुख्य चौराहा आवारा गौवंशों का आरामगाह बना हुआ है। रात के समय इन जानवरों से टकरा कर वाहन सवार घायल हो जाते हैं।

  • राजकुमार गुप्ता
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