बेलाताल ( महोबा ) । गांवों को बारहों मास रोशन करने का झुनझुना आखिरकार छलावा साबित हुआ। एक एक ग्राम पंचायत में सोलर लाइट के नाम पर लाखों रुपए फुंकने के बाद भी गांवों के लोग अंधेरा ढोने को मजबूर हैं। दूसरी ओर जिम्मेदार इस अंधेरगर्दी पर फर्म के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए चुप्पी साधे बैठे हैं।
सरकार की मंशा थी कि गांवों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो लेकिन भ्रष्टाचार के चलते यह सम्भव नहीं हो सका। सरकारी संस्था नेडा के अलावा अन्य स्थानीय फर्में जो लिखित रूप से दो वर्ष की गारण्टी दे रही थीं उन फर्मों को नजरअंदाज करके अधिकारियों ने बाहरी फर्मों श्याम कंट्रक्शन व समृद्धि इंटरप्राइजेस को काम सौंप दिया गया. आज हालात यह हैं कि विकास खंड जैतपुर में 60 प्रतिशत लाइटें खराब पड़ी है । विकासखंड के कुछ गांवों को छोड दिया जाए तो ज्यादातर गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई.
विकासखंड के अधिकांश गांवों में श्याम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड फर्म व समृद्धि इंटर प्राइजेस के द्वारा मुख्य रूप से यह लाइटें लगवाईं गई ।
वर्तमान में लगभग प्रत्येक गांव में यह लाइटें खराब पड़ी हुई है सबसे ज्यादा मवइया में 20 , बुधौरा में 7 , बगवाहा में 4, बछेछर कला में 7, लेवा में 5 , महुआ बांध में 11, सिरमौर में 5 इसके अलावा अन्य गांवों में भी सोलर लाईट खराब पडी हैं। इसके अलावा स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं जिसको न तो ग्राम पंचायत द्वारा ठीक करवाया जा रहा है न ही ठेकेदारों के द्वारा। मोटी रकम कमाने के चक्कर में प्रत्येक ग्राम पंचायत में यह लाइट लगाई गई है जिनमें केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई की धनराशि का दुरुपयोग कर इस धनराशि का बंदरबांट किया गया है ।
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी जैतपुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी लेकिन वो तमाम शिकायतों के बाद आज तक मौके पर सोलर लाईट को देखने नहीं गए।
यदि विकास खंड जैतपुर की समस्त पंचायतों की जांच कराई जाए तो कई अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होना तय है।