चित्रकूट में डीएफओ पद समाप्त, अब होंगे उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिज़र्व

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चित्रकूट। जिले में अब प्रभागीय वनाधिकारी की तैनाती नहीं होगी। रानीपुर टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस पद को समायोजित कर दिया गया है। अब जिले में वन विभाग के मुखिया को उप निदेशक, रानीपुर टाइगर रिज़र्व के नाम से जाना जाएगा।

प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह का इस आशय का पत्र आदेश निर्गत कर दिया है। और प्रधान मुख्य संरक्षक वन्य जीव केपी दुबे का पत्र विभाग को प्राप्त हो चुका है।

गौरतलब है कि 19 अक्टूबर को शासन ने जिले में रानीपुर टाइगर रिजर्व अधिसूचित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव ने पत्र में बताया है कि टाइगर रिजर्व के प्रशासनिक नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, वन संरक्षक स्तर का फील्ड डायरेक्टर का पद सृजित किया जाना है। जिसके आदेश बाद में निर्गत किए जाएंगे। रानीपुर टाइगर रिजर्व का निदेशालय मुख्यालय चित्रकूट में होगा।

उन्होने बताया कि रानीपुर टाइगर रिज़र्व के प्रशासनिक कार्यों के लिए प्रभागीय वनाधिकारी चित्रकूट वन प्रभाग का पद टाइगर रिजर्व में समायोजित व सम्मिलित कर दिया गया है। अब इस पद को उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा। चित्रकूट वन प्रभाग व रानीपुर वन्य जीव विहार का कार्यक्षेत्र, अधीनस्थ कार्मिक आदि भी इसमें निहित हो जाएंगे।

इसी प्रकार सहायक वन संरक्षक स्तर के वन्य जीव प्रतिपालक का पदनाम भी वन्य जीव प्रतिपालक रानीपुर टाइगर रिजर्व कर दिया गया है। वन्य जीव विहार की वन रेंजों मानिकपुर व मारकुंडी का नाम भी मानिकपुर-1 और मारकुंडी-1 कर दिया गया है। वन्य जीव प्रतिपालक रानीपुर का प्रशासनिक नियंत्रण मानिकपुर-1, मानिकपुर-2 वन रेंज तथा सहायक वन संरक्षक कर्वी का प्रशासनिक नियंत्रण कर्वी, रैपुरा व बरगढ़ वन रेंज होगा।

अनूठा होगा यह टाइगर रिज़र्व

निर्वतमान डीएफओ आरके दीक्षित ने शुक्रवार को ही नए पद उपनिदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व का कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। उन्होंने बताया कि वन्य जीव विहार 52 हजार हेक्टेयर में बन रहा है। यह दो महीने के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। दावा किया कि यह प्रदेश का ऐसा टाइगर रिजर्व है, जिसमें कोर जोन, बफर जोन और रिजर्व फारेस्ट भी रहेंगे।

  • पुष्पराज कश्यप 
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