रिपोर्ट – विमल मौर्य
डलमऊ (रायबरेली) – डलमऊ की जनता परेशान रहती है डलमऊ उप जिलाधिकारी अपना फोन नहीं उठाती हैं और ना ही किसी पीड़ित से मिलती हैं डलमऊ तहसील क्षेत्र के जोतियामऊ में दर्जनों किसानों की लगभग 50 बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई। पानी निकास की व्यवस्था ना होने की वजह से। बरसात का पानी लगातार बढ़ रहा है। जैसे जैसे बरसात होती है वैसे वैसे किसानों पर उनके फसल नष्ट होने की चिंता सता रही है जता रहे हैं। किसान रामआसरे, रामकिशुन, लीलावती डलमऊ, राजेंद्र प्रसाद कालिका प्रसाद, महावीर लक्ष्मी रामविलास घुरऊ मेवा सत्रोहन सहित लगभग कई दर्जन किसानों ने बताया कि ज्योति या मऊ गांव के आसपास लगभग 50 से 60 बीघा धान की फसल लगी हुई है। बरसात के पानी के निकास के लिए एक नाला बना हुआ जिससे अधिक बारिश होने पर पानी नाले से झील में निकल जाता था। किसानों का आरोप है कि विगत 5 वर्षों से नाले की सफाई नहीं हुई। बारिश का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा। धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूबी हुई है। यदि जल्द ही पानी के निकालने की व्यवस्था न की गई तो गांव के किसानों कि धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। किसान लीलावती ने बताया कि लॉक डाउन के चलते आय का कोई साधन नहीं है। यदि धान की फसल बर्बाद हो गई तो हम लोगों के सामने जीविका की समस्या हो जाएगी । इसकी जानकारी जब कोई डलमऊ तो शासन को फोन द्वारा देने की कोशिश करता है तो डलमऊ की उप जिलाधिकारी सविता यादव अपना फोन नहीं उठाती हैं और यदि कोई सामने जाकर शिकायत करना चाहता है तो किसी भी पीड़ित से मिलना उचित नहीं समझती हैं ।
कोरोना का डर सताता उप जिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव को ।
कोरोना की डर से उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव ना ही किसी पीड़ित से मिलती है और ना फोन उठाती हैं।
इसकी जानकारी जब उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव से फोन द्वारा जानकारी लिए जाने की कोशिश की गई तो उप जिला अधिकारी डलमऊ ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा उपजिलाधिकारी डलमऊ ना ही फोन उठाती है और ना किसी पीड़ित से मिलती हैं यहां तक कि मैडम पत्रकारों का भी फोन उठाना मुनासिब नही समझती है।