रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza
लालगंज(रायबरेली)सरेनी!बिन पानी सब सून…. इन शब्दों की गंभीरता को समझना होगा अगर नहीं समझे तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार भी रहें? जिन जगहों पर पानी की कभी बहुतायता होती थी जैसे तराई के क्षेत्र यहां की जमीन भी धीरे-धीरे बंजर हो रही हैं!नमीयुक्त तराई क्षेत्र में कभी एकाध फिट के निचले भाग में पानी दिखता था वहां का जलस्तर कईयों फिट नीचे खिसक गया है!जल ही जीवन है शायद सभी जानते हैं,लेकिन जब बात जल संरक्षण की आती है तो इसको लेकर लोग संजीदा नजर नहीं आते हैं और यह भूल जाते हैं कि जल संरक्षण मानव जीवन के लिए हितकर व आवश्यक है!धरा पर जल का संरक्षण किया जाना अति आवश्यक है!पानी बचाने और उसे सहेजने को जो कुछ साधन हुआ भी करते थे वह सब चौपट हो गए हैं!बात ज्यादा पुरानी नहीं है कोई एकाध दशक पहले तक छोटे-छोटे गांव में नदी,नाले,नहर, पोखर और तालाब अनायास ही दिखाई पड़ते थे वह अब नदारद हैं!गांव वाले उन जगहों को पाटकर खेती किसानी करने लगे हैं!एक जमाना था जब बारिश हो जाने पर गांववासी उन स्थानों का जलमग्न का दृश्य देखा करते थे,पर ऐसे दृश्य अब दूर-दूर तक नहीं दिखते!जल संरक्षण के सभी देशी जुगाड़ कहे जाने वाले ताल-तलैया,कुएं,पोखर सब के सब गायब हैं,कुछेक बचे हैं तो वह भी पानी के लिए तरसते हैं,सूखे पड़े हैं!इसी के मद्देनजर जल संरक्षण दिवस के अवसर पर सरेनी स्थित राजा शत्रुशाल सिंह पब्लिक स्कूल बेनीमाधवगंज के बच्चों द्वारा जागरुकता रैली निकाली गई!”जल को बचाना है” इस लक्ष्य को परिलक्षित करते हुए संदेश देते हुए रैली बेनीमाधवगंज से होते हुए अलग-अलग गांवों में संदेश देते हुए निकली!इस मौके पर प्रबंधक राजा उदय प्रताप सिंह ने कहा कि नदी तालाबों के सूखने से बेजुबान जानवरों और पक्षियों को भारी नुकसान हुआ है!कहा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब दुर्लभ पक्षी दिखाई नहीं पड़ते हैं लेकिन उनके न रहने के मूल कारणों की नब्ज कोई नहीं पकड़ता!ऐसे पक्षी बिना पानी के चलते बेमौत मरे हैं!कालांतर से लेकर प्राचीन काल तक दिखाई देने वाले पक्षी बिना पानी के ही मौत के मुंह में समा गए हैं!ऐसी प्रजातियों के खत्म होने का दूसरा कोई कारण नहीं है बल्कि पानी का खत्म होना है!ध्यान भटकाने के लिए भले ही कोई कुछ भी दलीलें दें लेकिन पक्षियों के बाद अब इंसान भी साफ पानी नहीं मिलने से मरने लगे हैं!विश्व में कई सारे ऐसे देश हैं जहां पीने का स्वच्छ जल न होने के कारण लोग जीवन त्याग रहे हैं!वहीं व्यवस्थापिका शकुन्तला सिंह ने कहा कि स्वच्छ जल संरक्षण और इस समस्या का समाधान खोजने के लिए ही विश्व जल दिवस पर हम सब को प्रण लेना होगा और यह तय करना होगा कि पानी का संरक्षण का काम सिर्फ सरकारों पर छोड़ देने से समस्या का समाधान नहीं होगा!सामाजिक स्तर पर भी चेतना हम सबको मिलकर जगानी होगी!इस मुहिम में सरकार से ज्यादा आमजन अपनी भूमिका निभा सकेंगे!वहीं प्रधानाचार्य राकेश अवस्थी ने कहा कि समय की दरकार यही है कि पानी को बचाने के लिए जनजागरण और बड़े स्तर पर प्रचार प्रचार की आवश्यकता है!जल संरक्षण के लिए ईमानदारी से सभी को आहुति देनी होगी!जल संरक्षण से जीवन किसी एक का नहीं बल्कि सभी का बचेगा!इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य विनय पटेल,कार्यक्रम प्रमुख आकाश पटेल,सदानंद शुक्ला,रैली प्रमुख रंजीत यादव,अनुशासन प्रमुख शिवनायक सिंह,जीआईसी प्रधानाचार्य दुर्गा शंकर श्रीवास्तव,अमित पाल,प्रांजुल,अरुण तिवारी,रेनू यादव,प्रतिमा मौर्या,ममता,संरक्षक रमाकांत बाजपेयी,मनोज प्रधान मौजूद रहे!वहीं इस अवसर पर ललित कुमार श्रीवास्तव,कपिल द्विवेदी,पन्नूलाल समेत कई क्षेत्रीयजन उत्साहवर्धन के लिए मौजूद रहे!