जिलाधिकारी ने 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा की

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निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करें-जिलाधिकारी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न करने वाले अधिकारी/कर्मचारी किये जायेगें दण्डित-जिलाधिकारी प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कल सायंकाल विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं 50 लाख रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री आवास शहरी की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी डूडा को निर्देशित किया कि सभी नगर निकायों के डीपीआर के आधार पर आवासों के निर्माण की समीक्षा की जाये जिन आवासों को द्वितीय किस्त निर्गत कर दी गयी है उनका आवास पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जिनको प्रथम किस्त निर्गत कर दी गयी है और जिनका रूट लेवल जिया टैग करा दिया गया है उन आवासों को अविलम्ब पूर्ण कराया जाये। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि गतवर्ष के लम्बित सभी आवास के लाभार्थियों को धनराशि निर्गत करते हुये उनको पूर्ण कराया जाये। परियोजना निदेशक डीआरडीए आरसी शर्मा द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 757 आवास का इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य प्राप्त हुआ है, अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में लक्ष्य अप्राप्त है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा में डीसी एन0आर0एल0एम0 द्वारा बताया गया कि माह जून का लक्ष्य 1064 के सापेक्ष 992 समूह बनाये गये है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद में अब तक गठन कराये गये समस्त समूहों के सम्बन्ध में उनके गठन, बैंक खाता नम्बर, क्रेडिट लिंकेज की स्थिति, रिवाल्विंग फण्ड की स्थिति के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध कराये तथा जनपद स्तर पर समूहों का डेटा संकलित करें जिसमें जनपद, विकास खण्ड, ग्राम पंचायत, समूह का नाम, गठन की तिथि एवं उसके द्वारा की गयी बैठकों की स्थिति आदि विवरण दर्ज हो। उन्होने निर्देशित किया कि समूह का गठन जिस उद्देश्य के लिये किया गया है वह कार्य समूह द्वारा किया जा रहा है या नही इसकी भी विशेष निगरानी रखी जाये। सामुदायिक शौचालय संचालन, राशन की दुकान आदि कार्य करने वाले समूहों पर सख्त नजर रखी जाये कि उनके सदस्य निर्धारित क्रियाकलाप कर रहे है तथा उस समूह की सभी महिलाओं के आजीविका संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल के एन0आर0सी0 में 178 अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया था जिनमें सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया किन्तु वह पुनः अस्वस्थ हो गये है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ऐसे कुपोषित बच्चों के परिवारों की काउन्सलिंग की जाये तथा बच्चों पोषक आहार विशेष रूप से उपलब्ध कराया जाये ताकि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक अनाज, सब्जियां, फल का उपयोग कर उनमें सुधार लाया जा सके।
कायाकल्प योजना की समीक्षा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में पेयजल, शौचालय की स्थिति ठीक है किन्तु बालकों के शौचालय 84 प्रतिशत बने है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अवशेष विद्यालयों में शौचालय का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से अपेक्षा करते हुये कहा कि जिन विकास खण्डों के प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय नही है उन विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जाये। विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि जिन प्राथमिक विद्यालयों द्वारा कनेक्शन हेतु धनराशि विद्युत विभाग को उपलब्ध करायी गयी है उनका कनेक्शन तत्काल करायें। उन्होने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अध्यापकों के विद्यालय में समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इसी तरह उद्योग विभाग, खादी ग्रामोद्योग रोजगार परक योजनाओं की समीक्षा की गयी। श्रम प्रर्वतन अधिकारी को निर्देशित किया कि श्रम बन्धु की बैठक प्रतिमाह उद्योग बन्धु की बैठक के साथ करायी जाये। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि रोगी कल्याण समितियों की नियमित बैठक करायी जाये तथा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को सक्रिय रूप से क्रियान्वित किया जाये, सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से इसका सत्यापन भी किया जाये। अन्त्योदय कार्डधारकों के आयुष्मान कार्ड बनाये जाने में तेजी लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग में निर्माणाधीन सीएचसी/पीएचसी की जांच कर ली जाये तथा जिनका निर्माण पूर्ण हो गया है उनके हस्तान्तरण की कार्यवाही की जाये तथा वहां के मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी ने बेसहारा/निराश्रित गोवंश की समीक्षा करते हुये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सभी पशु चिकित्सकों की बैठक उनकी अध्यक्षता में आयोजित कराये तथा गौशाला की स्थिति पर सतर्क दृष्टि रखेंं, बीमार पशुओं को तत्काल ईलाज कराया जाये। आई0जी0आर0एस0, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, तहसील दिवस की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी द्वारा असन्तोषजनक फीड बैक प्राप्त करने वाले विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्राप्त शिकायतों का अधीनस्थों के माध्यम से की गयी जांच का रेण्डम सत्यापन खुद करें, गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किये जाने से खराब फीड बैक प्राप्त हो रहा है जिससे विभाग और प्रशासन की छवि धूमिल होती है। उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि जिन विभागीय अधिकारियों का टॉप-5 असन्तोषजनक फीडबैक प्राप्त होगा, ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये प्रतिकूल प्रविष्टि निर्गत की जायेगी। उन्होने डीडी कृषि, पिछड़ा वर्ग अधिकारी, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत आदि विभागों के अधिकारियांं को अपने विभाग की शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराने निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन शिकायतों में कोई नया कार्य कराया जाना है और धनराशि उपलब्ध नही है ऐसे प्रकरण को मांग के अन्तर्गत सन्दर्भित किया जाये। जिलाधिकारी द्वारा बैठक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना, पेंशन योजना, शादी अनुदान, छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, मनरेगा, सामुदायिक शौचालय, वृक्षारोपण, अमृत सरोवर निर्माण आदि योजनाओं के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने रूपये 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की और निर्देशित किया कि परियोजनाओं का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाये। निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने 10 करोड़ से अधिक की जनपद में 11 परियोजनाओं की जांच की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं की गम्भीरता से जांच की जाये, जांच का कार्य कार्यदायी संस्था की उपस्थिति में उनके द्वारा बनाये गये डीपीआर के आधार पर किया जाये, यदि आवश्यकता पड़े तो सैम्पलिंग भी कराया जाये। आई0टी0आई0 लालगंज, छितपालगढ़ सीएचसी, बालिका छात्रावास सांगीपुर, विकास खण्डों के निर्माण, अग्निशमन कार्यालय रामपुर संग्रामगढ़, ड्रग वेयर हाउस, नगर निकाय कार्यालय का निर्माण, सीएचसी पृथ्वीगंज, विकलांग माध्यमिक विद्यालय, किसान कल्याण केन्द्र, आटोमैटिक ड्राइविंग टै्रक आदि लम्बित परियोजनाओं की जिलाधिकारी द्वारा विस्तृत समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित दिया गया कि सभी कार्यदायी संस्थायें 1 करोड़ के ऊपर की परियोजनाओं को सीएमआईएस पोर्टल पर डेटा फीड करायें। प्रधानमंत्री त्वरित आर्थिक विकास कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने इस योजनान्तर्गत कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं को समय से एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।

अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 गिरेन्द्र मोहन शुक्ल, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, डीसी एन0आर0एल0एम0 एन0एन0 मिश्रा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, उपायुक्त उद्योग दिनेश कुमार चौरसिया सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे। रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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