टोक्यो ओलंपिक में इस बार केवल खेल होंगे

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राकेश कुमार अग्रवाल

टोक्यो ओलंपिक खेलों को शुरु होने में महज 12 दिन का समय शेष रह गया है . कोरोना महामारी के कारण एक साल स्थगित रहने के बाद फिर से कोरोना के साए में ओलंपिक खेलों के आयोजन का मंच सज गया है . 124 सालों के ओलंपिक खेलों के इतिहास में युद्धों के कारण तो तीन बार ओलंपिक खेलों के आयोजन रद्द हुए . लेकिन किसी महामारी के कारण पहली बार ओलंपिक खेलों को स्थगित किया गया था . कोरोना महामारी के कारण लागू किए गए प्रोटोकाल के बाद तो यह तय है कि इस बार विशुद्ध रूप से खेल होने जा रहे हैं जहां न शोरशराबा होगा . न हूटिंग होगी , न चियर अप करने वाले दर्शक होंगे न ही होगा दर्शकों का हो हल्ला . मतलब साफ है कि इस बार केवल और केवल खेल होने जा रहे हैं .

जापान की राजधानी टोक्यो में कोरोना वायरस संक्रमण के बढते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने आपातकाल की घोषणा कर दी है . जो 22 अगस्त तक प्रभावी रहेगा .

आपातकाल की घोषणा के बाद टोक्यो ओलंपिक के मुकाबले देशी विदेशी दर्शकों की गैर मौजदूगी में होंगे . आईओसी अध्यक्ष थाॅमस बाख भी टोक्यो पहुंच गए हैं .

जापान चौथी बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रहा है . इसके पहले 1964 , 1972 व 1988 में जापान में ओलंपिक खेल हो चुके हैं . टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले खेलों के इस महाकुंभ में 33 खेलों के विविध मुकाबलों में 339 पदक हासिल करने के लिए 206 देशों के लगभग 11091 खिलाडी अपने दमखम , खेल कौशल , तकनीकी व दृढता का प्रदर्शन कर श्रेष्ठता साबित करने के लिए जी जान लडा देंगे .

फ्रांस के बैरों पियरे डी कुवर्तेन को आधुनिक ओलंपिक खेलों का जन्मदाता माना जाता है . खेलों को सभी देशों में लोकप्रिय बनाने व सभी देशों के मध्य शांतिपूर्ण प्रतिस्पर्धा का आयोजन करने एवं विभिन्न देशों के मध्य युद्धों को टालने के लिए ओलंपिक खेलों की शुरुआत 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस से हुई थी . 1950 के दशक में ओलंपिक खेलों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में फैल गई थी . एवं यह खेल आपसी प्रतिद्वंदिता , प्रतिस्पर्धा व उत्कृष्ट खेल कौशल के प्रतीक बन गए थे .

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने टोक्यो ओलंपिक के लिए के लिए 40470 करोड का राजस्व जुटाया था . यदि कोरोना के चलते ओलंपिक खेलों को रद्द कर दिया जाता तो जापान को यह भारी भरकम रकम लौटानी पडती . वैसे भी ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए की गई तैयारियों पर जापान अब तक 12.6 अरब डाॅलर खर्च कर चुका है . जबकि पूरे आयोजन पर 25 अरब डाॅलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया है . ऐसे में ओलंपिक खेलों का आयोजन रद्द होना जापान , आयोजन समिति व उन खिलाडियों के लिए जो बेसब्री से बीते कई कई सालों से हाडतोड मेहनत कर तैयारी कर रहे थे उनका मायूस होना स्वभाविक था . इसलिए कोविड प्रोटोकाल के तहत ही पूरा आयोजन होने जा रहा है . सभी खिलाडियों को टोक्यो पहुंचने के बाद 14 दिन क्वारंटीन रहना पडेगा . कोविड टेस्ट में यदि कोई खिलाडी कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो वह खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएगा . किसी भी देश का कोई भी खिलाडी टूरिस्ट प्लेस , रेस्टोरेंट या बाॅर नहीं जा पाएगा . गौरतलब है कि 4 जुलाई 1912 को छठे ओलंपिक खेलों की मेजबानी बर्लिन को सौंपी गई थी . तैयारियां तेजी से चल रही थीं जून में बर्लिन में टेस्ट स्पर्धायें भी आयोजित हुईं . लेकिन दूसरे ही दिन आस्ट्रिया के ऑर्क ड्यूक फ्रेंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नि की साराजेवो में हत्या कर दी गई . इसके बाद हालात विस्फोटक होकर प्रथम विश्व युद्ध का सबब बने . और बर्लिन ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं हो सका .

1940 के टोक्यो ओलंपिक और 1944 के लंदन ओलंपिक के आयोजन भी दूसरे विश्व युद्ध की भेंट चढ गए . 1944 के लंदन ओलंपिक खेलों के लिए रोम , डेट्राइट , लुसाने तथा एथेंस को पछाडकर मेजबानी हासिल की थी . लेकिन 3 महीने बाद ही ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया . लंदन ओलंपिक के साथ ही इटली में आयोजित होने वाले शीतकालीन खेलों का आयोजन भी रद्द हो गया था .

टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन के दो दिन पूर्व फुकुशिमा में साफ्टबाॅलों के मुकाबले शुरु हो जाएंगे . इस बार के मुकाबले खिलाडियों की एकाग्रता व दृढता के असल प्रतीक बन कर उभरेंगे . क्योंकि दर्शकों के बिना , शोरगुल के बिना , बाहरी प्रेशर के बिना असल खेल मुकाबले होंगे . खिलाडियों पर एक मानसिक दबाब कोरोना का भी होगा . कोरोना ने जिस तरह दुनिया के तमाम पहलुओं को बदला है उसी तरह से खेलों के महाकुंभ में भी बहुत कुछ बदलाव का वाहक बनेगा टोक्यो ओलंपिक का आयोजन .

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