डलमऊ रायबरेली – स्वास्थ्य को लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार बड़ी सचेत है। सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जिम्मे ही स्वास्थ्य विभाग है। प्रदेश वाशियों को बेहतर स्वस्थ्य सुविधा मिले इसलिए सरकार नए नए निर्माण भी करवा रही है। अब ठेकेदार व महकमें की मिली भगत से मानक को दरकिनार कर अस्पताल भवनों का निर्माण किया जा रहा। जहां दीवाल निर्माण में प्रयुक्त होने वाली ईंटों सहित सामग्री की गुणवत्ता ठीक नहीं है। अस्पताल भवन के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। उसी क्रम में डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे कार्यदाई संस्था सीलडीएफ के द्वारा लगभग 62 लाख की लगात से “ब्लाक पब्लिक हेल्थ यूनिट” स्वस्थ्य सुविधा के लिए नए भवन बनवा रहे हैं। जिसमें ठेकेदार द्वारा अस्पताल में घटिया ईट का प्रयोग किया जा रहा है। घटिया निर्माण कार्य होने से लोगों में रोस व्याप्त है ठेकेदार द्वारा कराया जा रहे घटिया निर्माण कार्य का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किया जा रहा जिससे ठेकेदारों का हौसला बुलंद है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में निर्मित हो रहे भवनों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। जब मौके पर जाकर निरिक्षण किया तो देखा की भवन की निर्माण में प्रयुक्त ईंट सबसे खराब स्तर की थी।दो ईंटों को टकराने पर मिट्टी के टुकड़ों की तरह बिखर जा रही थी। नींव की भराई में प्रयुक्त मसाला भी दोयम दर्जे का था। जब इस मामले में जेई बीएन यादव से बात की गई तो बताया कि जब मैं गया था तो नींव की खुदाई हो रही थी अभी जा नहीं पाया था। अगर ऐसी बात है तो मैं जाऊंगा जाकर देखूंगा।
तो क्या अधीक्षक डॉ नवीन कुमार को नहीं है जानकारी ?
अस्पताल में यदि कोई निर्माण हो रहा है तो अस्पताल के मुखिया की भी जिम्मेदारी बनती है की वे निरिक्षण कर देखभाल करें लेकिन यहाँ डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर नवीन कुमार की नाक के नीचे अस्पताल भवन के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है फिर भी वे मौन हैं कहीं इस भ्रस्टाचार में उनकी भी मूक स्वीकृति तो नहीं है।
रिपोर्ट- विमल मौर्य