रायबरेली। क्षेत्र में ई-रिक्शा धड़ल्ले से दौड़ रहे है, लेकिन जब बैटरी खत्म हो जाती है तो फिर चार्ज करने के लिए दौड़ते हैं।
डलमऊ विकास खण्ड परिसर को अपना अड्डा बना लेते हैं। इसके बैट्री को चार्ज करने के लिए कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं है। चालक के द्वारा डलमऊ विकाशखण्ड परिसर के अंदर ले जाकर खण्ड विकास अधिकारी के कमरे के सामने बिजली का बोर्ड लगाकर इसे चार्ज करते हैं।
इस तरह से ई-रिक्शा मालिक जहां अच्छी खासी कमाई भी कर लेते है वही विकास खंड कार्यालय में बिजली चोरी भी की जाती है एक ई-रिक्शा मालिक को चालक जहाँ तीन सौ रुपये किराया देता है।
वहीं चालक दिन में 700 से एक हजार रूपये कमाई कर रहे है। ई-रिक्शा में चार बैट्री होती है। इसे चार्ज करने के लिए सात से आठ घंटे लगते हैं, जिसमें करीब आठ यूनिट बिजली खर्च होती है।
वही जब इस संबंध में जानकारी के लिए इस संबंध में खंड विकास अधिकारी डलमऊ जनार्दन सिंह ने बताया कि विकास खंड कार्यालय में ई रिक्शा चार्जिंग किए जाने का मामला मेरी संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा किया जाता है तो तत्काल जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
- विमल मौर्य