मीडिया ने लोक कल्याण की भावना का सदैव निर्वहन किया – प्रो. ईश्वर शरण

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  • आज के समय में वैचारिक योद्धाओं की आवश्यकता हैः कुलपति

इनपुट – शिवा मौर्य

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग एवं तकनीकी संस्थान के संयुक्त संयोजन में दिनांक 07 मई, 2020 को सांय 4 बजे ”कोविड-19 की महामारी में मास मीडिया की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का समापन हुआ। वेबिनार के समापन मुख्य अतिथि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज के अध्यक्ष प्रो0 ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कहा कि सामाजिक जीवन में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। मीडिया ने अपनी सार्वदेशिकता, सार्वजनिकता एवं लोक कल्याण की भावना का सदैव निर्वहन किया है। प्रो0 विश्वकर्मा ने बताया कि पूरी दुनियां में संचार जगत की डोर मीडिया के हाथों में है। मीडिया का फलक बहुत बड़ा है। इसकी क्या साकारात्मक भूमिका हो सकती है इस पर विचार करने के लिए कोविड-19 का दौर बिल्कुल अनुकूल है। अंत में उन्होंने कहा कि मीडिया जगत को मानवता के लिए कार्य करना होगा।

समापन की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 दीक्षित ने कहा कि इस वेबिनार में विचार मंथन का कार्य हुआ है। आज मीडिया जगत भी संकट का सामना कर रहा है। प्रो0 दीक्षित ने मीडिया को संदर्भित करते हुए कहा कि जिस प्रकार कोरोना से लड़ने वाले योद्धा है वैसे ही वैचारिक योद्धा भी चाहिए जो अपनी बात को कहने की शक्ति रखते हो। पारितोषित और पुरस्कारों की चिंता किए बगैर जो कार्य करते है। उन्हें योद्धा कहते है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि कौन सी खबर सही है इसके लिए आत्मलोचन की शक्ति को विकसित करना होगा। क्योंकि आत्मलोचन के बिना परिमार्जन नही हो सकता। कुलपति ने कहा कि इस विश्वव्यापी महामारी में लोग अपने घरों को लौट रहे है यह परिवार की अहमियत को दर्शाता है। उन्होंने अपने वाणी को विराम देते हुए कहा कि इस वेबिनार का दूरगामी सुप्रभाव अवश्य पड़ेगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट के रूप में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के जनसंचार एवं पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष प्रो0 गोविन्द जी पाण्डेय ने कहा कि आज के समय में वेबिनार का यह विषय अत्यंत सार्थक है। मीडिया का रोल इस दौरान बड़ा महत्वपूर्ण रहा और कोविड-19 के दौर के बाद मीडिया की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जायेगी। उन्होंने मीडिया के लिए क्वालिटी इंफ्रार्मेंशन उपलब्ध कराने की बात कही। लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार के विभागाध्यक्ष प्रो0 मुकुल श्रीवास्तव ने बताया कि आज सूचना एवं समाचार के बीच अन्तर खत्म हो गया है जो बहुत बड़ा संकट है। इससे फेक न्यूज बहुत ज्यादा उत्पन्न हुई है। पत्रकारों में आईडेंटिटी क्राइसिस की समस्या आ रही है। प्रो0 श्रीवास्तव ने बताया कि किसी भी देश की मीडिया वैसी ही होती है जैसे उस देश के लोग होते है।

विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ल ने बताया कि मीडिया को इन्र्फामेटिव होना चाहिए। सारी आलोचनाओं को किनारे रखकर अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र, यथार्थ और निष्पक्ष होने के साथ-साथ जवाबदेही भी आवश्यक बताया। कार्यक्रम का संचालन वेबिनार के संयोजक डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 राजेश सिंह कुशवाहा द्वारा किया गया। सह आयोजन सचिव डाॅ0 आरएन पाण्डेय ने रिपोर्टियर प्रस्तुत की।

राष्ट्रीय वेबिनार के समापन के पूर्व तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें कीर्ति एस0 श्रीवास्तव, सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर, हिडेन वुड्स ट्रेल ओहियो, यूएसए ने कहा कि कोविड-19 में मीडिया की भूमिका अहम रही है। लेकिन ड्राबेक ये है कि ज्यादा व्यावसायिक लोगों ने इसे मार्केटिग टूल बना लिया है और उपभोक्ता को आकर्षित किया है। मीडिया ने सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को लोगों तक पहुॅचाया है। सेनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेसिंग एवं स्वच्छता के प्रति जो जागरूकता आई है। यह मीडिया की देन है। क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी, लंदन की डाॅ0 शिवानी तनेजा ने कहा कि इस महामारी में मीडिया का रोल बहुत ही साकारात्मक रहा है। मीडिया ने क्वालिटी कंटेंट दिया है। लाॅकडाउन के इस दौर में हम मीडिया पर और अधिक निर्भर हो गये है। लखनऊ दूरदर्शन के एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार हेमेन्द्र तोमर ने कहा कि मीडिया रिपोर्टर पारितोषिक के लिए कार्य नही करता। मीडिया का रोल सभी जगह अहम रहता है। प्रिंट मीडिया इस महामारी में खत्म सी हो रही है इसके संरक्षण के लिए प्रयास करना होगा। वीर बहादुर सिंह पूर्वाच्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर जनसंचार के विभागाध्यक्ष डाॅ0 मनोज मिश्र ने बुद्ध के उपदेश के माध्यम से बताया कि किसी चीज पर विश्वास करने से पूर्व उसका विश्लेषण एवं परीक्षण आवश्यक है। इसके पश्चात ही जो हितकारी हो उस पर दृढ़ रहे और अपना मागदर्शक बनाओ। यही बात समाचार पत्रों के लिए भी है। प्रो0 मिश्र ने बताया कि इस महामारी में पत्रकार और हाकर्स जान जोखिम में डालकर सूचनाएं हम तक पहॅुचा रहे है। हमें मीडिया की इस भूमिका का स्वागत करना होगा। राष्ट्रीय सहारा नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार डाॅ0 अरूण पाण्डेय ने कहा कि इस महामारी में अखबारों पर गहरा संकट है। मीडिया को आवश्यक सूचना सम्प्रेषक के बाद यदि पन्ने कम करने पड़े तो कोई संकोच नही करना चाहिए। वांछित सूचनाएं न हो तो चैनल को प्रसारण कम कर देना चाहिए। आवश्यक सूचनाओं को कैसे लोगों तक पहुॅचाया जाये इसके आत्म चिंतन की आवश्यकता है। डाॅ0 आशिमा सिंह, जनसंचार विभाग एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा ने बताया कि इस महामारी महिला पत्रकारों को भी आगे आना होगा। पेनडेमिक से ज्यादा बड़ी समस्या इंफोडेमिक होती जा रही है। कन्फर्मेंशन बायस से बचना चाहिए। अभिषेक श्रीवास्तव, सीनियर असिटेंट प्रोफेसर, आईटीएमआई, इण्डिया टूडे ग्रुप नई, दिल्ली के मीडिया ने प्रचार-प्रसार से लोगों को जागरूक किया है। डेली अपडेट लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया। जनता कफर््यू और लाॅकडाउन के बाद जब लोगों में असमंजस की स्थिति थी तब मीडिया ने अपने दायित्व को समझा। बद्री विशाल डिग्री कालेज, फरूर्खाबाद की डाॅ0 अर्चना पाण्डेय ने बताया कि आज के दौर में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ गई है। लेकिन वह अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से कर रही है। वीर बहादुर सिंह पूर्वाच्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर के डाॅ0 दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज के इस महामारी के समय में फेक न्यूज पर नियंत्रण आवश्यक है जो जागरूकता से ही संभव है। गलत सूचनाएं वायरल करने से बचना चाहिए। इसके लिए बिना सत्य जाने फारवर्ड करने की आदत से बचना होगा। इस वेबिनार का संचालन संयोजक डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, आयोजन सचिव डाॅ0 राजेश सिंह, सह आयोजन सचिव डाॅ0 आरएन0 पाण्डेय, इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं. रमेश मिश्र, डाॅ0 अनिल कुमार विश्वा ने किया। इस अवसर पर सुनीता श्रीवास्तव, मेफील्ड हाइट्स, क्लीवीलैण्ड ओहियो, यूएसए, डाॅ0 दिवाकर त्रिपाठी, डाॅ0 गीता त्रिपाठी बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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