डीएपी के लिए किसानों में मचा हाहाकार, समितियों के काट रहे चक्कर

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ऐहार साधन सहकारी समिति के मुख्य गेट पर किसानों की लगी लम्बी कतार

लालगंज, रायबरेली। ऐहार साधन सहकारी समिति मे शनिवार को सुबह से लगीं किसानों की लम्बी कतार क्षेत्र के किसानों को जैसे ही जानकारी मिली कि ऐहार साधन सहकारी समिति मे खाद का वितरण होगा।

आसपास के हजारों किसान सुबह से ही लाइन में लगा कर अपनी बारी का इंतजार देर शाम तक करते रहे किसी के हाथ लगी तो किसी को खाली लौटना पड़ा मायूस होकर किसानों को अपने खेतों मे गेहूं बुवाई के लिए खाद समितियों से नहीं मिल पा रही है किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे है।

और समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर है। किसान बिना खाद की गेहूं की बुवाई करें तो भी कैसे बाजारों में खाद महंगे दामों पर चोरी छुपे मिल रहा है कुछ किसान ले रहे हैं। गरीब किसान खाद के लिए समितियों के चक्कर लगाने को विवश है।

बताते चलें कि डलमऊ ब्लाक के ऐहार सहकारी समिति में शनिवार को पुलिस की मौजूदगी में डीएपी खाद किसानों को बड़ी दिक्कतों का सामना करने पर एक-एक बोरी मिली तो कुछ किसानों को खाली लौटना पड़ा वहीं आलू व गेंहू की फसल की बुआई भी शुरू है।

जबकि वहीं निजी दुकानदार कालाबाजारी करते हुए खाद की किल्लत को भुनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र के ऐहार गांव निवासी किसान उमाकांत ने बताया कि इस समय गेहूं की फसल की बुआई का सही समय है। किन्तु समितियों में डीएपी खाद न मिलने से बड़ी दिक्कत हो रही।

सचिव अखिलेश मौर्या ने बताया कि ब्लॉक के चार सचिवों की टीम और पुलिस की मौजूदगी मे प्रति किसान आधार कार्ड के साथ एक-एक बोरी खाद वितरित की गई। जबकि क्षेत्र के कुछ किसानों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा जैसे ही जिले से खाद मिलेगी किसानों में फिर वितरण किया जाएगा।

इनकी भी सुनिए

प्रति किसान एक एक बोरी खाद का हुआ वितरण 245 बोरी डीएपी व नैनो यूरिया का ब्लॉक के चार सचिव की टीम व पुलिस की मौजूदगी में हुआ खाद का वितरण

अखिलेश मौर्या
सचिव
साधन सहकारी समिति ऐहार

..तो आखिर अब कहां गए किसानों के हमदर्द व मसीहा

डीएपी खाद व गेहूं बीज के लिए किसानों में मचा हाहाकार जय जवान जय किसान का नारा आज सिर्फ जुबान और दस्तावेजों के लेख का नुमाइश बनकर रह गया। सरकार कोई भी रही हो ना तो आज तक जवानों का ख्याल रख पाई है और न ही किसानों का।

आज किसान गेहूं बुवाई के लिए डीएपी खाद के लिए भटक रहा है और सरकार है कि सिर्फ झूठ का पुलिंदा किसानों के गले में लटकाने का प्रयास कर रही है।

सबसे बड़ी विडंबना है कि वह किसान के हितैषी जो चुनाव के दौरान खीस निकाल कर पैलगी करते हुए किसानों के लिए तमाम योजनाओं के तहत मदद करने का वादा करते हैं।

आज वहां भी गुमशुदा है उनके मुंह में ताला लगा हुआ वह बोलने को तैयार नहीं है। जबकि वर्तमान सरकार के दो विधायक और एक राज्यमंत्री रायबरेली जनपद के ही हैं।

यही नहीं जिले में धान विक्रय केंद्र का यही आलम है किसानों का धान अभी तक नहीं तौला गया है। खाद धान खरीदारी को लेकर रोज जिले के विभिन्न समाचार पत्र प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर रहे हैं, लेकिन इस बड़े मुद्दे को लेकर कोई भी प्रतिनिधि कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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