रायबरेली – कलक्टर का कोई निर्देश जारी हो तो अच्छे अच्छे अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं, और बात जब शुभ्रा सक्सेना जैसी तेज तर्रार ईमानदार अधिकारी के आदेश की हो तो काम से घबराने वाले भी मन लगाकर काम करने लग जाते हैं, मगर रायबरेली जनपद में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां डीएम शुभ्रा सक्सेना ने जिस मामले को गम्भीर शिकायत बताकर गम्भीरता से जांच करने का आदेश मुख्य विकास अधिकारी को दिया था उसी शिकायत में अधिकारियो के पसीने तो छूटे मगर पूरे मामले में झूंठी आख्या लगाते हुए भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों व कर्मचारियो ने अपनी गर्दन एक बार फिर बचा ली है, शिकायतकर्ता पूरे निस्तारण से फिर से असंतुष्ट नजर आ रहा है।
डलमऊ तहसील क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
दरअसल जिले की डलमऊ तहसील क्षेत्र के केसरुआ गांव निवासी आरटीआई एक्टविस्ट अनुज कुमार चौरसिया ने जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि गांव के मनरेगा व तालाब निर्माण में कराए गए कार्य में जमकर धांधली हुई और बिना काम किये ही मनरेगा के पैसों का भुगतान हुआ है, ब्यूटी पार्लर संचालिका, रोजगार सेवक के परिवार के लोगों को पैसा दिया गया, शिकायतकर्ता ने और भी भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए।
डीएम के आदेश से मच गया हड़कम्प
पूरे मामले को जब शिकायतकर्ता ने डीएम के सामने उजागर किया तो डीएम ने सीडीओ से मामले की गम्भीरता से जांच कराने का आदेश दे दिया। इस आदेश से डलमऊ ब्लॉक में हड़कंप मच गया। शिकायतकर्ता को ढूंढने की मुहिम चल गई, गांव में तैनात सेक्रेटरी प्रेमपाल सिंह ने शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने के लिये कई जानने वालों से फोन करा कर यह कहलवाया कि इस मामले में यह लिख कर दे दो कि मैंने कोई शिकायत नहीं की नहीं तो बड़े अधिकारी मेरे ऊपर कार्यवाही कर देंगे, जिसके आडियो साक्ष्य भी शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट्स टुडे को दिए हैं।
खंड विकास अधिकारी डलमऊ ने भी शिकायतकर्ता को फोन कर गांव के पंचायत भवन में मिलने को बुलाया शिकायत में भ्रष्टाचार उजागर ना हो इसके लिए डलमऊ के अधिकारी पूरे मामले में शिकायतकर्ता को खोजने लगे मगर शिकायतकर्ता ने उन लोगों से मुलाकात नहीं की।
आख्या है झूठी : शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट अनुज कुमार चौरसिया ने रिपोर्ट्स टुडे टीम से बातचीत करते हुए कहा कि गांव के तालाब निर्माण व अन्य कार्यों में जमकर धांधली हो रही है और इस शिकायत में सबकी जब पोल खुलने लगी तो अधिकारियों ने मेरे ऊपर दबाव बनाना शुरू किया मेरे द्वारा उनसे मुलाकात ना करने पर झूठी आख्या लगाकर डीएम साहिबा को गुमराह किया गया है और भ्रष्टाचार छिपाने के लिए अपने मन मुताबिक ग्रामीणों के बयान दर्ज करा कर आख्या लगा दी गई है अगर सब के खाते चेक करा लिए जाएं तो ग्राम पंचायत में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होगा।
ईमानदार जिलाधिकारी अब न्याय की आखिरी उम्मीद
शिकायतकर्ता अनुज कुमार चौरसिया ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होती है, अब उनकी आखिरी उम्मीद यही है कि इमानदार जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना मामले में किसी ईमानदार अधिकारी से जांच कराएं जिससे कि ग्राम पंचायत में सरकारी धन के बंदरबांट का खुलासा हो सके और भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्यवाही हो सके।
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जनसुनवाई का बुरा हाल
जिले में जनसुनवाई व आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण का बुरा हाल है ऐसा ही एक मामला सलोन तहसील क्षेत्र का था जहां पर सरकारी खड़ंजे पर एक दबंग ने अपना गेट लगाकर कब्जा कर रखा है, शिकायतों के बाद सरकारी खड़ंजे पर कब्जे की पुष्टि होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन व अधिकारी अब तक उस गेट को हटवा नहीं पाए हैं , वही नहर विभाग व ऊंचाहार विद्युत वितरण खंड में एक्सईएन द्वारा शिकायतों का झूठा निस्तारण करा कर लगातार जनसुनवाई की किरकिरी कराई जा रही है।