तहसीलदार ने पत्रकार को पीटने का किया प्रयास

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  • श्री कामदगिरि प्रमुख द्वार की घटना

  • प्रतिबंधित क्षेत्र में नारियल तोडने पर चिटके टुकडे ने महिला को किया घायल

  • प्रशासन ने बताया जेबकतरे को पकडने का प्रयास करने का मामला

  • उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के पत्रकार हैं मोहम्मद परवेज

रिपोर्ट – विनोद शर्मा / संदीप रिछारिया

चित्रकूट। अक्षमता छिपाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी क्या कर सकते हैं इसका नमूना कोरोना के कारण लाकडाउन के बाद पहली बार कामदगिरि की परिक्रमा के लिए खुले अमावस्याा मेला में दिखाई दे रहा है। सुबह के समय सतना की अपर कलेक्टर विमलेश सिंह ने धर्मस्थल के अमावस्या मेला को मेला मानने से इंकार कर दिया तो दोपहर होते- होते तहसीलदार ने अपर कलेक्टर व एसडीएम की मौजूदगी में एक पत्रकार को पीटने का प्रयास किया।
मामला दोपहर के समय मध्य प्रदेश स्थित राममोहल्ला के प्रमुख द्वार का है। यहां पर अपर कलेक्टर सतना विमलेश सिंह, एसडीएम हेमकरण धुर्वे व तहसीलदार मझगंवा नितिन झोड बैठे मेलार्थियों की व्यवस्थाओं को देख रहे थे। तभी किसी भक्त् ने नारियल फोडा और नारियल छिटक गया। जिसके कारण टूटे हुए नारियल का भाग लगने पर एक महिला ने चीत्कार किया। भगदड मचने की आशंका पर सभी अधिकारी वहां की ओर बढे, जिससे अधिकारियों के गनरों ने कुछ लोगों को पीटना प्रारंभ कर दिया। इस दौरान उत्तर प्रदेश क्षेत्र के चित्रकूट जिला मुख्यालय के एनडीटीवी व कामदगिरि अभय न्यूज चैनल के रिपोर्टर मोहम्मद परवेज यह दृश्य शूट करने लगे। उनको पुलिस द्वार मारपीट करने व गाली गलौच करने के दृश्य शूट करते देख तहसीलदार मझगवां नितिन झोंड आगे बढे और परवेज के साथ कैमरा छीनने के साथ मारपीट करने का प्रयास किया। इस दौरान उनके साथ मौजूद गनर ने भी बत्तमीजी करने का प्रयास किया। परवेज के साथ मौजूद अन्यी पत्रकार अखिलेश सोनकर ने उनको बचाने का काम किया। इस मामले में जब मध्य प्रदेश के सतना जिले के मझगवां प्रभारी तहसीलदार नितिन झोंड बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंसने छीनाझपटी का वीडियो देखने के बाद खुद के होने से इंकार कर दिया। उन्हों नें पत्रकारों को ही आरोपित करते हुए कहा कि चित्रकूट में पत्रकारिता नही होती है।

उधर, एसडीएम हेमकरण धुर्वे ने कहा कि वास्तव में वहां पर एक छोटा सा कंफयूजन क्रियेट हो गया था। जेबकतरा महिला को ब्ले डमारकर भाग रहा था, पुलिस उसे पकडने का प्रयास कर रही थी। जिसमें थोडा बहुत बल का प्रयोग किया जा रहा था। जबकि बिना आईडी माइक लिए एक व्यक्ति वीडियो बना रहा था, इस पर तहसीलदार मझगवां द्वारा उसे रोकने का प्रयास किया गया, उनका कैमरा बंद कराने का प्रयास किया गया। बाद में पता चला कि वह पत्रकार है। हमारी मंशा किसी को खबर करने से रोकने की नही थी। लेकिन पहचान के संकट के कारण ऐसा हो गया है।

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