भजन सम्राट अनूप जलोटा से ख़ास बातचीत
जन जन के राम की गूंज उठी रामायण कॉन्क्लेव चित्रकूट में
जग में सुन्दर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम… पर झूमे श्रोता
चित्रकूट (रिपोर्ट्स टुडे)। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती और मेरी बैट्री भी चार्ज होती है। चित्रकूट संतों व महाऋषियों की तपोस्थली रही है। हमें बचपन में राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख जी के साथ रहकर प्रेरणा मिलने के बाद मै कई बार चित्रकूट में ऊर्जावान होने के लिए आता हूं। यह बातें चित्रकूट में जिला प्रशासन के सहयोग से पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कही।
उन्होंने कहा कि चित्रकूट नाम ही काफी है। चित्रकूट में वेब सीरीज पाताल लोक के समय मैंने पॉलीटिशियन का रोल किया था। मोदी जी और योगी जी ने पूरे देश के धार्मिक स्थलों अयोध्या उज्जैन काशी विश्वनाथ मथुरा व चित्रकूट पर तेजी से काम किया है।
गजल गायक सम्राट जगजीत सिंह मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं उन्होंने मुझे भजन जलोटा कहकर सम्मानित करने का काम किया है। होटल ताज हो मंदिर में भजन गाने का अलग-अलग अंदाज है। रामचरितमानस पर हो रहे विवाद पर बोले विवाद चलतें रहते हैं इससे टीआरपी मिलती है जैसे कि भारी विरोध के बाद भी पठान फिल्म फिट हो रही है।
रामचरितमानस पर विरोध करने वालो के बयानो पर कहा कि चाहे जितनी भी विरोधी ताकते लग जाए कोई भी बदलाव नहीं हो सकता। तुलसी की रामायण बोले रामचरित अपनाओ। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर बोले वह धर्म के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनके पास शक्तियां हैं कहा कि वह भूत और वर्तमान तो बता सकते हैं, लेकिन भविष्य नहीं। जो विरोध कर रहे हैं उनका काम विरोध करना है करने दीजिए।
इसके बाद देर शाम रामायण मेला परिसर में आयोजित रामायण कान्क्लेव कार्यक्रम में अपने लोकप्रिय भजनों से समां बांधा।
उनके भजन …
ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन….
जग में सुन्दर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम….,
चदरिया झीनी रे झीनी…..,
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का श्याम…..
सहित एक दर्जन प्रस्तुतियां दीं। जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक चित्रकूटधाम मंडल बांदा विपिन कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, पर्यटन अधिकारी अ्नुपम श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी आरके त्रिपाठी सहित अधिकारी व भजन प्रेमी श्रोता मौजूद रहे।
- पुष्पराज कश्यप