तुलसी के वंशजों का इंद्रप्रस्थ में सम्मान

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तुलसी काव्य मंच के संस्थापक ओज कवि जय अवस्थी और कवि सुनील नवोदित को आयुष मंत्रालय ने किया सम्मानित

श्री चित्रकूटधाम। इतिहास दोहराता है,बाबा वाल्मीकि और संत तुलसी के दो होनहार लालो को एक बार फिर दिल्ली के राजदरबार में सम्मानित किया गया है।वैसे इसके पूर्व मुगलिया सल्तनत के जहांगीर ने भी संत तुलसीदास को सम्मनित करने के लिए बुलाया था, पर जब संत तुलसीदास जी ने अपने तेवर दिखाकर चारण कवि बनने से इनकार कर दिया तो उन्हें कैदखाने भेजने का दुःसाहस बादशाह ने किया।

संत द्वारा कैदखाने रची गई हनुमान चालीसा के प्रभाव से हजारों वानरों ने दिल्ली पर जब कब्जा कर लिया,तब जहांगीर ने क्षमा माँगी और श्री राम को सर्वोपरि माना।

कुछ इसी तरह की रचनाएं रचकर आज जय अवस्थी और सुनील नवोदित देश विदेश में चित्रकूट का नाम रोशन कर रहे है।

साहित्य के क्षेत्र में बुंदेलखंड में संयोजन और नवांकुर प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए तुलसी काव्य मंच के संस्थापक ओज कवि जय अवस्थी अजेय को और गीतकार पंडित सुनील नवोदित को साहित्य के माध्यम से योग जागरूकता के लिए आयुष मंत्रालय भारत सरकार के केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉक्टर मँजूपरा महेंद्र भाई जी द्वारा लाजपत भवन में सम्मानित किया गया।

इस सम्मान समारोह में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कौशल किशोर जी,रीवा सांसद जनार्दन मिश्र जी,परमपूज्य दीपाँकर जी महाराज और संस्थापक योग शिक्षक मंगेश त्रिवेदी और कोष प्रमुख मोनिका शर्मा आदि की उपस्थिति रही।

तुलसी काव्य मंच ,प. राजधर परहित सेवा संस्थान तथा बुंदेली सेना ने चित्रकूट के दोनो कवियों के सम्मानित होने पर दोनों को बधाई प्रेषित की है , सम्मानित नागरिकों ने यह भी कहा है की दोनो कवि सुनील नवोदित और जय अवस्थी दोनो बुंदेलखंड की शान है और तुलसी काव्यमंच चित्रकूट जनपद की प्रमुख साहित्यिक संस्था है।

बुंदेली सेना के प्रमुख अजीत सिंह, डॉक्टर मुकेश ,नवल , वरिष्ठ पत्रकार संदीप रिछारिया, प्रेस क्लब के अध्यक्ष सत्यप्रकाश दिवेदी, पत्रकार अनुज हनुमत और समस्त जनपद ने बधाई दी।

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