दिव्यांगता को दी चुनौती, युवाओं के लिए बने प्रेरणा

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  • -मिशाल बने राजकुमार हासिल किया कई मुकाम
  • -पहले थे हीरो, अब ‘सुपर हीरो’!
  • अब दूसरों का सहारा हैं राजकुमार गुप्ता
  • -2006 में एक दुर्घटना में उन्होंने अपने सुनने की क्षमता खो दिए थे
  • -2010 में क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुके हैं

वाराणसी: रोहनियां/राजातालाब, दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है। बल्कि हर दिव्यांग को ईश्वर एक ऐसी क्षमता देता है। जिसे पहचान कर वह असंभव को भी संभव कर सकता है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के राजातालाब निवासी राजकुमार गुप्ता की ये कहानियां बड़ी प्रेरणा का स्रोत हैं। इनसे सीख लेकर आज के युग में आगे बढ़ा जा सकता है।

उत्तर प्रदेश के काशी के लाल राजकुमार गुप्ता 2006 मे एक दुर्घटना में उन्होंने अपने सुनने की क्षमता खो दिए थे। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। साहस का परिचय दिया। सुनने की मशीन के सहारे वर्ष 2010 मे न केवल क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीते बल्कि अनेक उपलब्धियां प्राप्त की। केवल कल्पना किया जा सकते हैं कि धनबल, बाहुबल, जातिबल के दौर में एक दिव्यांग मुश्किल हालात में लोगों से चंदा पाकर चुनाव जीत जाए। तत्कालीन समाजवादी पार्टी के सूबे के तत्कालीन मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल के भयोहू व विधायक महेंद्र सिंह पटेल की पत्नी शकुंतला पटेल के खिलाफ (ब्लाक प्रमुख उपचुनाव 2014) चुनाव लड़ जाए। इससे बड़ी साहस और उपलब्धि उस दिव्यांग के लिए और क्या हो सकती है।

दुसरो का सुन नहीं सकते थे तो क्या देख तो रहे थे। देख और समझ कर इस दिव्यांग ने हमेशा दूसरों की मदद के लिए अपना कदम बढ़ा दिया था। राजकुमार गुप्ता को यह जज्बा और हौसला मिला पिता के सामाजिक सोच होने की वजह से। विभिन्न संस्थाओं, एनजीओ एवं क्षेत्रीय मीडिया के लिए जो न्यू मीडिया के जरिए तमाम तरह की मदद मुहैया कराते है। राजकुमार हमेशा से दूसरों के लिए प्रेरणा रहे। बचपन से ही उन्हें अभिनय, नृत्य से इस कदर लगाव था कि ग्रामीण परिवेश मे वह अकेले लड़के थे। लोग उनके टैलंट को देख तारीफ किए बिना न रह पाते, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

मई 2006 को एक हादसे ने राजकुमार की जिंदगी पूरी तरह से बदल कर रख दी। राजकुमार की उम्र उस वक्त 17 साल थी। वह दोस्तों के साथ जिम कर रहे थे कि अचानक असंतुलित होकर जिम मे गिर गये। जब तक वह समझ पाते कि क्या हुआ, उनके सर में अंदरूनी चोट के कारण बेहोश हो गये। दोस्तों ने राजकुमार को जिम से निकालकर गांव के निजी अस्पताल में पहुंचाया। वहां बिना पूरी जांच किए उन्हें भर्ती कर दिया 72 घंटे बाद हालत बिगड़ते पर उन्हें इलाज के लिए शहर के निजी हास्पिटल भेज दिया। वहां जांच के बाद पता चला कि राजकुमार को खतरनाक तरीके का दिमाग में खून का थक्का जमा हुआ है। राजकुमार का मानना है कि अगर ये 72 घंटे बर्बाद नहीं होते तो शायद उनकी हालत ऐसी न होती। प्राइवेट अस्पताल के खर्च को परिवारी जन उठाने में असमर्थ थे रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने चंदा देकर राजकुमार के इलाज के खर्च उठा कर उनकी जान बचाई। उन्होंने अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया। वह कहते हैं, ‘जिंदगी के शुरुआती 17 साल मैंने एक हीरो की तरह बिताए थे। इस हादसे के बाद अचानक मेरी पहचान खो गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती थी। मैं एक कलाकार था, लेकिन घर पर बैठे रहने पर मन खुदकुशी करने का करता था। विकलांगता किसी के शरीर के किसी हिस्से का बेकार हो जाना भर नहीं है, यह किसी के सम्मान, आत्मविश्वास और वजूद के खत्म होने जैसा होता है। लेकिन पैरंट्स ने राजकुमार को संभाला। धीरे-धीरे राजकुमार का आत्मविश्वास लौटा। उन्हे सम्मान की जिंदगी देने के लिए पैरंट्स अपनी जिंदगी भूल गए। माता पिता, पत्नी को राजकुमार भगवान की तरह मानते हैं। पिता के देहांत के बाद 2019 में जब मां बहुत बीमार पड़ीं तो उनकी एक ही चिंता थी– उनके न रहने के बाद भी राजकुमार सम्मान की जिंदगी जी सकेगा। इतना ही नहीं राजकुमार ने वर्ष 2014 में मुंबई यूनिवर्सिटी की छात्रा पूजा गुप्ता से प्रेम विवाह किया जो उनकी दूसरी शादी है राजकुमार की पहली शादी दिसंबर 2009 में परिवार की रजामंदी से हुई थी। लेकिन अप्रैल 2010 में किडनी फेल होने के वजह से पहली पत्नी की मौत हो गई। कुछ दिनों गम और उदासी का जीवन जीने के बाद राजकुमार ने हिम्मत बटोरी और समाज सेवा में जुट गए फिर राजनीति में उतरे और आराजी लाइन क्षेत्र पंचायत मेंबर चुने गए। पत्नी पूजा गुप्ता ने राजकुमार को यूट्यूब चैनल शुरू करने का आइडिया दिया और इस तरह ‘जन सरोकारों के पत्रकारिता’ की शुरुआत हुई।’

‘राजकुमार का यूट्यूब चैनल’ वंचित, शोषित, के आत्मविश्वास लौटाने और उनके हक हकूक मान सम्मान अधिकार को पहचान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम करता है। एक से बढ़कर एक जन जागरूकता का वीडियो। इनके YouTube चैनल पर मानवाधिकार, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, दलित अधिकार, भ्रष्टाचार, कुपोषण, किसान आत्महत्या, विकलांगता, गरीबी, भुखमरी, बालाधिकार, महिला अधिकार, मनरेगा, ग्रामीण विकास आदि देश की विविध जनसमस्याओं को जानना तथा समाधान के विषय में सचेष्ट रूप से भूमिका बखूबी निभाने से संबधित वीडियो सैकड़ों की संख्या में आपको इनके You Tube चैनल पर मिल जाएंगे। इनके संघर्षों की सुखद परिणति हुई कि 1300 से अधिक सब्सक्राइबर के साथ इनके YouTube चैनल पर परोसे गए वीडियो को भारत के अलावा सऊदी अरबिया, अरब अमीरात, कुवैत, कतर, यूनाइटेड स्टेट्स, कनाडा, थाईलैंड, ओमान, मलेशिया, नेपाल व अन्य देशों में देखा गया।

अब तक लाखों लोगों ने (यानी दो लाख पैशठ हजार व्यूज) इनके विभिन्न वीडियो को देखा।

लगभग दो सौ अधिक वीडियो इनके YouTube पर परोसे गए हैं, जो मानव अधिकार, पर्यावरण, संवैधानिक पक्ष, नागरिक कर्तव्य, जहर रहित खेती, शिक्षा, चिकित्सा, भ्रष्टाचार उन्मूलन, तालाबो व जल स्रोतों को बचाने सहित अन्य लोक कल्याण के विषय से आच्छादित हैं।

इनका चैनल खुद के नाम RAJ KUMAR GUPTA GUDDU से है। सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को मदद मुहैया कराते है, जो आनलाईन घर बैठे मोबाइल, लैपटॉप से कम समय मे पेपरलेस शिकायत और समाधान चाहते हैं। इन लोगों को ट्रेनिंग भी देते है ताकि वे दूसरों पर ज्यादा आश्रित न रहें। जिसमें शोषित, वंचित पीड़ित लोगों की आवाज को ही पहचान बनाने की कोशिश होती है।

राजकुमार का कहना है कि इन 14 बरसों में एक इंसान के तौर पर मेरा ज्यादा विकास हुआ है। बहुत काम किया लोगों के दिलों में जगह बनाई मुझे विश्वास हो गया है कि ऊपरवाले ने प्यार और खुशियां बिखेरने के लिए मुझे चुना है। मतलब यह कतई नहीं कि आप किसी से कम हैं। सोच से हर चीज बदली जा सकती है, जो न सिर्फ सामाजिक कार्यकर्ता और जन सरोकारों के स्वतंत्र पत्रकार भी हैं, बल्कि 60 फीसदी बधिर होने के बावजूद बरसों से शोषितो, वंचितो के हक की लड़ाई कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं।

राजकुमार की सोच है – संघर्ष करो, समझौता नहीं और इस सोच को उन्होंने बचपन से ही साकार किया है। 2012 में उन्हें आरटीआई सम्मान से सम्मानित किया गया। वे अब तक तमाम पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। राजकुमार का मानना है कि समस्याएं होंगी, लेकिन उनके बारे में सोचकर वक्त मत गंवाओ क्योंकि जिंदगी बहुत छोटी है। समस्याओं पर काबू पाओ और ऐसी राह बनाओ जिस पर दूसरे चल सकें। राजकुमार गुप्ता ने इस दौरान अपने समाज कार्य में स्नातक की पढ़ाई भी पूरी कर ली है।

धन्यवाद

राजकुमार गुप्ता
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य- आराजी लाइन, ग्राम- कचनार, पोस्ट- राजातालाब, जिला- वाराणसी उत्तर प्रदेश, मो. नं.- 9336617112, 9415823500

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