दीनदयाल शोध संस्थान के स्वावलम्बन केंद्रों पर हो रहे जागरूकता के प्रयास

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कई गांवों में संपूर्ण लॉकडाउन, बारी-बारी से ग्रामवासी कर रहे पहरेदारी

चित्रकूट। देशभर में कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लाॅकडाउन का पालन कराने को शासन-प्रशासन पूरी ताकत से लगा हुआ है। फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो नियम कायदों को ताक पर रखकर लाॅकडाउन का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर कई संस्थाएं, संगठन और समाजसेवियों के द्वारा लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

ऐसे ही प्रयास चित्रकूट एवं मझगवां जनपद के वे गांव जहां दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से स्वावलंबन की गतिविधियां संचालित की जाती है, ऐसे 108 स्वावलंबन केंद्रों की 512 ग्राम आबादियों में कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्राम वासियों को जागरूक किया जा रहा है।

दीनदयाल शोध संस्थान के समाज शिल्पी दंपत्ति तथा स्वावलंबन केंद्रों के ग्राम संयोजक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ग्राम के सरपंच सचिव के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ता लोगों को स्वच्छता के तरीके बता रहे हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि एक दूसरे से हाथ न मिलाएं, साबुन से बार-बार हाथ धोएं, एक दूसरे के कपड़े ना पहने और अपने तोलियां रुमाल का उपयोग सभी अलग-अलग करें। इसके अलावा कृषि यंत्र जैसे अपने हंसियां, फावड़ा आदि का उपयोग स्वयं करें तथा कृषि कार्य करते समय आवश्यक दूरी बनाए रखें एवं मुंह पर मास्क या गमछा लगाएं।

कोरोना से संक्रमण के चलते ग्राम वासियों से इस अवधि में नशा मुक्ति, तंबाकू, गुटखा, पान, शराब का उपयोग न करने का भी आग्रह किया जा रहा है, ताकि गुटखा पान की पीक-थूक से संक्रमण का खतरा ना रहे।

इसके अलावा चित्रकूट जनपद के स्वावलंबन केंद्रों के ग्राम इटरौर, नांदिन कुर्मियान, प्रसिद्धपुर, बछरन, चनहट, कल्ला, कोलगदहिया, बनाड़ी, मैनहाई आदि गांवों में ग्राम प्रधानों के सहयोग से संपूर्ण लाॅकडाउन का पालन किया जा रहा है। इन गांवों में लोग गांव से बाहर न जाते हैं और ना ही दूसरे गांव के लोग इस गांव में आ सकते हैं। बारी-बारी से लोग गांव के मुख्य मार्ग पर पहरेदारी कर रहे हैं।

इसी तरह मझगवां जनपद के स्वाबलंबन ग्राम भरगवां, पाथरकछार, रानीपुर, भियामऊ, चुवा, लालपुर, साड़ा, नकैला, वीरपुर, सोनबर्षा आदि ग्रामों में संपूर्ण लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है।

दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव डॉ. अशोक पांडेय एवं समाज शिल्पी दंपत्ति प्रभारी हरिराम सोनी ने बताया कि जिन गांव में संस्थान के द्वारा सिलाई प्रशिक्षण दिया गया है, वहां मास्क तैयार कराकर लोगों को वितरित किया गया है। ऐसे लगभग 6 हजार मास्क अभी तक वितरित हो चुके हैं और उन लोगों को मुंह ढकने की आवश्यकता क्यों है, उसके बारे में भी बताया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि स्वावलंबन केंद्रों के 753 ऐंसे निराश्रित परिवार जिनमें कई विकलांग है, कई बहुत बीमार है या जिनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है, अतिवृद्ध हैं, ऐसे परिवारों को आपसी सहयोग से सहायता करते हुए उनकी हर तरह से चिंता की जा रही है।

इनके अलावा ऐसे लोग जो अलग-अलग राज्यों में या गांव से बाहर मजदूरी करने गए थे, वे जब गांव वापस आए तो कोरोना को लेकर अफरा-तफरी का माहौल था, ऐसे में गांव के अन्य लोगों का संशय दूर करने के लिए उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया तथा ऐसे 332 लोगों को अपने घर में ही रहकर सेल्फ आइसोलेट का आग्रह किया गया।

दीनदयाल शोध संस्थान के कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का भी सम्मान किया जा रहा है। नगर पंचायत के सैनिटाइजिंग का कार्य करने वाले लोगों के साथ सफाई कर्मी जो कोरोना के खिलाफ युद्ध में सेनानी के रूप में कार्य कर रहे हैं, ऐसे लोगों का रोली-टीका के साथ अंग वस्त्र भेंट कर उनको उनके सराहनीय प्रयास के लिए अभिवादन किया जा रहा है।

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