आरोग्यधाम के 2 वेंटिलेटर और 100 विस्तरों वाला चिकित्सा वार्ड के साथ अपने कई भवनों के उपयोग की कही बात
चित्रकूट। कोरोना जैसी महामारी के संकट से निपटने में सामाजिक संगठनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर पूरा देश संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन का पालन कर रहा है, जाहिर है आपदा की इस घड़ी ने सबको झकझोर कर रख दिया है।
संकट के इन पलों में उम्मीद की किरण के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी वर्ग और सामाजिक संस्थाऐं कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
ऐसी आपदा की घड़ी में भारत रत्न नानाजी देशमुख का सामाजिक प्रकल्प दीनदयाल शोध संस्थान भी अपनी शक्ति अनुसार आगे आकर पूरी तन्मयता से इस चुनौती से मुकाबला करने में जुटा है।
पिछले कई दिनों से दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन अपनी सेवाभावी टीम के साथ रोजाना परिक्रमा मार्ग, स्फटिक शिला, सती अनुसुईया आश्रम, टाटी घाट आश्रम और जंगलों में सिमटे बंदरों तथा बेजुबान जीव-जंतुओं और गौवंश के साथ जो भी निराश्रित रास्ते में मिल रहे हैं, उनको भोजन प्रसाद की व्यवस्था कर रहे है।
दीनदयाल शोध संस्थान ने कोरोना महामारी से निपटने हेतु शासकीय प्रयासों में संस्थान के सहयोग का प्रस्ताव बनाकर चित्रकूट एवं सतना के कलेक्टर, उपमहानिरीक्षक पुलिस बांदा, पुलिस अधीक्षक सतना, एसडीएम मझगवां एवं नगर पंचायत चित्रकूट के सीएमओ श्री रमाकांत शुक्ला को भेजा है।
दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने बताया कि दीनदयाल शोध संस्थान इस महामारी जनित परिस्थितियों में अपने स्तर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राहत एवं जागरूकता प्रसार का कार्य कर रहा है, साथ ही किसी भी आपातकाल में शासन के सहयोग हेतु संस्थान हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।
श्री महाजन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता प्रचार-प्रसार हेतु कृषि विज्ञान केंद्र चित्रकूट एवं सतना की मशीनरी, संस्थान का सामुदायिक भोजनालय, गनीवां स्थित परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय का भवन, मझगवां स्थित कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय का भवन, प्रचार-प्रसार हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में उपस्थित कार्यकर्ताओं का नेटवर्क तथा चित्रकूट स्थित आरोग्यधाम में दो वेंटीलेटर के साथ 100 बिस्तरों वाला आयुर्वेद चिकित्सा वार्ड के साथ दीनदयाल शोध संस्थान ने संकट काल में प्रशासन को अपनी क्षमता के अनुसार यथा योग्य सहयोग का प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा दीनदयाल शोध संस्थान ने अपने समस्त कार्यकर्ताओं, स्वाबलंबन केंद्रों के ग्राम संयोजक दंपत्ति, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, कृषि ज्ञान दूत, पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं रोजगार प्रेरक को आह्वान किया है कि अपने ग्राम में इस महामारी जनित परिस्थितियों में अपने स्तर पर ग्रामीण जनों को सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी देना, हाथों को साबुन से बार-बार धोना, अपने नाक एवं मुंह को कपड़े से बांधना आदि के संबंध में जागरूक करें। साथ ही ग्राम में कोई भी असहाय एवं गरीब है, उसको समाज के सहयोग से आवश्यकतानुसार सहयोग करवाएं तथा प्रधानमंत्री जी द्वारा 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनिट के लिए दीप जलाने का जो आह्वान किया है, उसे अपने ग्राम की सभी आबादियों में निवासरत ग्राम वासियों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए दीप जलाने हेतु जागरूक करें।