शर्मनाक!!…
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दारोगा और सिपाही पर फौजी दंपति ने लगाये गंभीर आरोप
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चेकिंग के नाम पर फौजी और उसकी गर्भवती पत्नी से मारपीट
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एसपी और सैनिक सहायता प्रकोष्ठ में प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग
रिपोर्ट – सूरज यादव
रायबरेली – जहां सरकार देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले फौजियों का मान सम्मान करने और उनके परिजनों की हरसम्भव सहायता और मदद के लिए प्रतिबद्ध है वहीं जब खाकी द्वारा एक फौजी और उसकी गर्भवती पत्नी के साथ अभद्रता हो और उसे न्याय के लिए दर दर भटकना पड़े तो स्थिति बहुत शर्मनाक हो जाती है । इसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब डीह थाना क्षेत्र के गांव पूरे जमुनिहा मजरे लोधवारी की रहने वाली अम्बिका यादव पत्नी ज्ञानेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक और सैनिक सहायता प्रकोष्ठ में प्रार्थना पत्र देकर उनके और फौजी पति के साथ अभद्रता और मारपीट करने वाले एक दरोगा और सिपाही पर कार्यवाही की मांग की है । प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने बताया कि उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी जिसके चलते वह अपने पति के साथ जिला अस्पताल जा रही थी जैसे ही वह लक्ष्मण गंज चौराहे के पास पहुंचे तभी हलका दरोगा निर्मलजीत सिंह यादव और सिपाही बृजमोहन ने उनकी गाड़ी को रोक लिया और चालान काटने लगे । दंपति ने दोनों को अपनी परेशानी बताई लेकिन दरोगा ने उनकी एक न सुनी और गाली गलौज करने लगे । हद तो तब हो गई जब पीड़िता ने दरोगा को बताया कि उनके पति फौज में हैं । यह सुनते ही दरोगा का पारा सांतवें आसमान पर पहुंच गया और अपने हमराही सिपाही के साथ मिलकर गाली गलौज करने के साथ ही उन दोनों से मारपीट भी की । प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने यह भी बताया कि गाड़ी चालान न करने के नाम पर पहले दरोगा रुपयों की मांग कर रहा था । इसका विरोध करने पर ही उन दोनों के साथ यह शर्मनाक घटना कारित हुई।
देश की रक्षा करने वाले एक फौजी के परिवार के साथ कि गई शर्मनाक घटना में बाद जहां एक ओर खाकी की कार्यशैली पर पुनः सवालिया निशान उठ गया है । वहीं देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस अधीक्षक फौजी के परिवार के साथ हुई इस अभद्र घटना पर कोई कड़ी कार्यवाही करते हैं या मामला बस्ता खामोशी में चला जाता है।
थानाध्यक्ष डीह जेपी यादव ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नही है । अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो प्रकरण गंभीर है । दोषी पाए जाने पर कार्यवाही जरूर की जाएगी।
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