धरती का सुहाग उजाड़ने पर आमादा वन माफिया, धृतराष्ट्र बने अधिकारी जिम्मेदार

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  • रानीखेड़ा चौराहे से फर्राटा भर रहीं प्रतिबंधित लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां

  • वन विभाग ने दे रखी है खुली छूट, अधिकारियों खामोश

    सरेनी, रायबरेली। वनों को संरक्षित किये जाने के लिये पूरा विश्व प्रयासरत है। वनों के संरक्षण के लिये सरकारों द्वारा किये जा रहे प्रयास सरेनी में नाकाफी साबित हो रहे हैं।जागरूकता के अभाव के चलते ग्रामीणों द्वारा हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई पर लगाम नहीं लगायी जा पा रही। सम्बन्धित वन कर्मियों की अनदेखी भी इसकी प्रमुख वजह है।

अधिकतर स्थानों पर देखा गया है कि वन कर्मियों की संलिप्तता से हरे भरे खड़े पेड़ों को काटा जा रहा है। वन माफिया की कुटिल निगाहों ने हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों को ही नष्ट करने की ठान ली है। यहाँ तैनात वन कर्मी जानबूझकर अनदेखी में जुटे हैं।ट्रैक्टरों से कीमती लकड़ी को ढोया जा रहा है,जिसका वीडियो सोशलमीडिया में वायरल हो रहा है। जो कि शुक्रवार का ही बताया जा रहा है।

थाना क्षेत्र के अंतर्गत रानीखेड़ा चौराहे से अवैध लकड़ी से लदी ट्रैक्टर ट्राली दिनदहाड़े फर्राटा भरती हुई दिखाई देती हैं,जो कि पास में ही संचालित हो रही आरा मशीन में अवैध कटान की प्रतिबंधित लकड़ियों को बेंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आरा मशीन संचालक अपने गुर्गों से अवैध कटान करावाते हैं और बाद में उन्हीं से प्रतिबंधित लकड़ियों की खरीद फरोख्त कर मालामाल हो रहे हैं।

इस एवज में वन विभाग के जिम्मेदार भी आरा मशीन संचालकों से मोटी रकम लेकर संरक्षण प्रदान किये हुए हैं। हालिया हालत यह है कि जगह-जगह कटे हुये पेड़ व ठूँठ देखे जा सकते हैं।

देश की बहुमूल्य वन सम्पदा को बचाने के लिये वन विभाग को ठोस कार्यवाही करनी होगी। वन माफिया को चिन्हित कर उनके हौसले पस्त करने के लिये प्रभावी कार्यवाही अत्यन्त आवश्यक है।

  • संदीप कुमार फिजा
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