आपसी विवाद में महिला की इज्जत को उछालना उचित नहीं-प्रोफ़ेसर संजय
घरेलू हिंसा को लेकर 16 दिवसीय संवाद अभियान प्रारंभ
वाराणासी: राजातालाब (25/11/2020)
विकासखंड आराजी लाइन ब्लॉक मुख्यालय पर एशियन ब्रिज इंडिया द्वारा आयोजित जिला स्तरीय संवाद को संबोधित करते हुए न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी की सचिव सुधा सिंह ने कहा कि महिला पुरुष असमानता जहां कानून के द्वारा स्वीकार नहीं है वही ऐसा करना भारतीय समाज को पीछे ले जाने के समान है। महिला पुरुष विभेद के कारण समाज में महिलाएं सामाजिक व मानसिक रूप से शोषित होती हैं।
कहा की पुरुषत्व वह नहीं है जो महिला के साथ हिंसा करें बल्कि पुरुषत्व वह है जो महिला को सम्मान दें उनकी सुरक्षा करें और विकास में सहयोगी बनाएं।कहा कि लड़कियों के प्रति हीन उपेक्षा का भाव रखना, बेटी पैदा होने पर उदासी एक प्रकार की विकृति है। पीढ़ी दर पीढ़ी चलनेवाली विकृति को खत्म करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। इसके लिए पुरुष को भी मानसिक स्थिति में परिवर्तन लाने की जरूरत है। कहा कि स्त्री प्रकृति की दी हुई महान शक्ति है जो सृष्टि को एक नया जीवन प्रदान करती है।
घरेलू हिंसा और यौन हिंसा कानून के बारे में बोलते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर कानूनी तौर पर इसका दायरा अब और बढ़ चुका है। कहा कि समाज को खुद भी महिला के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने हेतु कार्य करने की जरूरत है। इसमें पुरुषों को भी आगे आना होगा। कहां की महिला सम्मान और हिंसा मुक्ति का अभियान एक एक परिवार से प्रारंभ होगा।
उपस्थित महिलाओं को बताया कि प्राधिकरण के द्वारा वन स्टॉप सेंटर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में संचालित होता है। जिसका क्षेत्राधिकार संपूर्ण जनपद है। जहां कोई भी पीड़ित महिला जाकर अपनी समस्या बता सकती है। प्राधिकरण ऐसे महिलाओं को जरूरत पड़ने पर नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराता है। बताया कि परिवार बुनियादी इकाई है और परिवार बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। इसके लिए मध्यस्थता केंद्र भी शहर में 11 जगहों पर संचालित होता है जहां पर महिला हिंसा की समस्याएं सुनाई जाती हैं। कहा कि महिला हिंसा से बच्चों की परवरिश पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे परिवार मानसिक अवसाद और तनाव से गुजरता है। न्यायाधीश सुधा सिंह ने कहा कि समाज और पुरुषों का नैतिक कर्तव्य है कि महिलाओं को इज्जत दे।उन्होंने यह भी कहा कि आपसी विवाद भूमि और अन्य विवादों में महिलाओं को आगे कर गलत और झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए। कहां की एकल होते परिवारों में बच्चों को संस्कारवान बनाना माता-पिता का कर्तव्य है।
जिला स्तरीय संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर संजय ने कहा कि महिलाओं के विकास से ही समाज विकसित होगा। कहा कि बहुत चीजें बदली हैं लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को कमतर मानने का सोच जारी है जो उचित नहीं है। कहा कि खाने से लेकर चलने फिरने तक लड़कियों को अलग किया जाता है। महिलाओं को जन्म से लेकर के जीवन पर्यंत भेदभाव का शिकार न होना पड़े इसके लिए समाज को बेहतर बनाने की जरूरत है जिसके लिए समाज के सभी संस्थाओं को मिलजुल कर कार्य करना होगा। उपस्थित महिलाओं को बताया कि विभिन्न संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के संवाद कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को सशक्त और हिंसा मुक्त बनाने का प्रयास कर रही है। कार्यक्रम को आराजी लाइन विकासखंड के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ महेंद्र सिंह पटेल व डॉक्टर राकेश आदि ने भी संबोधित किया। संचालन कार्यक्रम समन्वयक नीति ने किया कहा कि महिलाओं को गाँव गाँव में जाकर वाल पेंटिंग कला एवं कैंडल आदि जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक भी किया जाएगा।
इस दौरान गंगापुर इंटर कॉलेज के प्रवक्ता राकेश सिंह, प्रणय कुमार सिंह, रणविजय, मनीष, अमर, सरिता, सृष्टि, राजकुमार गुप्ता, विकास एवं श्रेया सहित नागेपुर गणेशपुर तथा बेनीपुर आदि गाँव की सैकड़ों महिलाएं भी उपस्थित थीं।
धन्यवाद
द्वारा
राजकुमार गुप्ता
वाराणासी