इनपुट – दीपक राही
रायबरेली – कोरोना वैश्विक महामारी के बाद चल रहे लॉक डाऊन के बाद जिले का एक दंपति गुजरात प्रदेश में फंस गया है । जहां प्रदेश सरकार एक तरफ दूसरे प्रांतो में फंसे लोगो को घर वापस लाने के तमाम इन्तजाम कर रही है । वहीं दूसरी तरफ भदोखर थाना क्षेत्र का एक परिवार घर आने की जद्दोहद में हैरान परेशान है । बाहर फंसे ग्रामीणों तक सही जानकारी न पहुचने से सरकार के सारे इन्तजाम नाकाम साबित होते नजर आ रहे हैं । बताते चलें कि सदर विधानसभा के राही ब्लाक के मधुपुरी निवासी रामचन्द्र पुत्र दुर्गा प्रसाद द्विवेदी अपनी पत्नी सरिता और दो बच्चों सुयश व आनया के साथ छः मार्च को तीर्थ यात्रा पर निकले थे । द्वारिका, शोभन, नागेश्वर आदि तीर्थ स्थलो के दर्शन कर 21 मार्च की शाम गुजरात के सूरत शहर में ईश्वर नगर थाना पांडेय सराय में अपने रिश्तेदार निर्भय पाठक के यहां रूक गए थे । जहां से 25 मार्च को भोलेनगरी ट्रेन से घर वापसी आना था । अचानक लाकडाउन की घोषणा होते ही वापस आना नामुमकिन हो गया और टिकट निरस्त कर दी गई । सरकार द्वारा ट्रेन चलाए जाने से घर वापसी के विकल्प खुलने के साथ घर पहुंचने की उम्मीदें जागृत हो गई । परदेश में फंसे पीड़ित ने बताया कि वापसी के लिए डिजिटल गुजरात की साईड पर आनलाईन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है । उसने भी आनलाईन रजिस्ट्रेशन किया लेकिन पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है । उत्तर प्रदेश जनसुनवाई पोर्टल पर भी पंजीयन किया गया किंतु अभी तक कोई सार्थक जवाब नही मिल सका है । रजिस्ट्रेशन के नाम पर स्थानीय दलाल प्रति व्यक्ति का एक हजार रुपये से अधिक की मांग कर रहे हैं । उसने प्रदेश सरकार से सकुशल घर वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने की मांग की है ।