बालिकाओं ने रैली निकाल लोगों को किया जागरूक
वाराणसी। आशा विश्वास ट्रस्ट ,किशोरी युवा मंच व मनरेगा मजदूर यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में बालिका महोत्सव का आयोजन ब्लॉक मुख्यालय आराजी लाइन्स के प्रांगण मे किया गया। कार्यक्रम में आराजी लाइन्स ब्लाक के 60 गाँव से आयी करीब एक हजार सात सौ किशोरी लड़कियों ने राजा तालाब बाजार में कन्या भ्रूण हत्या,यौन उत्पीड़न, दहेज़, बाल विवाह, अशिक्षा, गैरबराबरी आदि के खिलाफ जोरदार रैली निकाली।
रैली में शामिल लड़कियां तिलक दहेज़ छोड़ो जाती पाती तोड़ो, भीख नही अधिकार चाहिए जीने का सम्मान चाहिए, बाबा मुझको पढ़ने दो, पढ़ कर आगे बढ़ने दो कन्या भ्रूण हत्या बंद करो आदि नारे लगाये और पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। रैली सिंचाई डाक बंगला राजा तालाब से शुरु होकर तहसील होते हुए ब्लॉक मुख्यालय पहुंचा। रैली का नेतृत्व प्रियंका पटेल ने किया जबकी कार्यक्रम का संचालन रेनु व सपना ने किया।
बालिका महोत्सव में आशा विश्वास ट्रस्ट द्वारा संचालित किशोरी सिलाई केंद्र व किशोरी युवा मंच से जुड़ी हुई लड़कियों ने अपने अपने विचार रखे। उन्होंने गीत संगीत, नाटक, भाषण व सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से महिला और बालिका अधिकार कानून और समाज से होंने वाली चुनौतियों के बारे में बताया।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल शामिल हुई उन्होंने कहा कि लड़कियां आज सुरक्षित नहीं है जिसका खामियाजा लड़कियों को भुगतना पड़ रहा है, गलती कोई कर रहा है पर लड़कियों को घर से निकलने पर पाबन्धी लगा दिया गया है।
हमलोग देख सकते है कि एक तरफ छोटी छोटी लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है दूसरी तरफ इसी नवरात्र के महीने में उनकी पूजा की जा रही है। समाज का ये दोहरा चरित्र समझ से परे है, आज जिस तरह से लड़कियां अपने हक अधिकार के लिए सडक पर उतरी है मुझे पुरा विश्वास है कि एक दिन इनका सपना जरूर पूरा होगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपष्ठित ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ महेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि हमें समाज को
आगे बढ़ाना है तो लड़कियों को आगे बढ़ाना ही होगा। आज वही परिवार,समाज आगे बढ़ रहा है जिसे परिवार,समाज की लड़कियां पुरुषों के समान घर से बाहर निकलकर काम कर रही है। मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से किशोरियों का आत्म विश्वास बढ़ेगा।
आज की लड़कियां किसी मामले मे लड़को से पीछे नहीं है, उन्होन्ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों की शादी कम उम्र मे कर दी जाती है जिससे उनको पढ़ाई का पुरा मौका नहीं मिल पाता है, अतः लड़कियों को भी बाहर निकल कर अपने सपने को पुरा करने का मौका देना चाहिए।
कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से रेनू, श्रद्धा, रीना, पूजा, सपना, साधना, प्रिया, उजाला, आँचल, प्रीतम, लक्ष्मीना, संगम, सोनम, राधा, पूनम,प्रीति,रीता, तारा, पूनम, उर्मिला, लालती, शीला, संगीता, राधिका, सुनीता,ज्योति, खुशबू, रेशम, लाडो, पुष्पा, गुड्डी, काजल, मीना, शर्मीला, करिश्मा, रंजू, मैत्री, राम सिंह, सोनि, सुशिला सहित हजारों किशोरिया शामिल हुई।
- राजकुमार गुप्ता