अयोध्या:——–
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्टअयोध्या
17 अक्तूबर 2017 में शहर में हुए बहुचर्चित बलजीत छाबड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने सात हत्यारों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 1.10 लाख रुपये जुर्माना भी हुआ। जुर्माने की धनराशि में से आधी रकम प्रतिकर के रूप में मृतक की पत्नी और बेटी को देने का आदेश हुआ है।
फैसला अपर जिला जज पूजा सिंह की अदालत से बुधवार को हुआ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश तिवारी ने बताया कि केस की सुनवाई के बाद सोमवार को सभी को दोषी पाया गया था। जिस पर फैसला बुधवार को सुनाया गया।
मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी लोगों को हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी पाते हुए सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया। सजा के प्रश्न पर बुधवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता का तर्क था कि अभियुक्त अंकित बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र है।
ज्यादा सजा देने से उसका भविष्य चौपट हो जाएगा। इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए। इसके विपरीत प्रयोजन पक्ष का तर्क था कि 34 वर्ष के जवान बेटे का शव पिता ने अपने कंधे पर ढोया।
वारदात के समय बलजीत की बिटिया मात्र एक महीने 6 दिन की थी व उसकी पत्नी 27 साल की उम्र में ही विधवा हो गई। इसलिए सभी अभियुक्तों को फांसी की सजा दी है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने सातों हत्यारों वैभव पांडे उर्फ मोनू, अंकित तिवारी, अखंड प्रताप पांडे, मुस्तकीम, अजय यादव, मुन्ना उर्फ अरुणेंद्र सिंह, अखिलेश पांडे को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई।
वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में छोटी दीपावली पर्व पर दीपोत्सव समारोह की शुरूआत की गई थी। इसमें 18 अक्तूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर अयोध्या-फैजाबाद जुड़वा शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
उनके आगमन से 24 घंटे पूर्व धनतेरस पर्व के दिन 17 अक्तूबर 2017 के दोपहर 3:45 बजे बदमाशों ने शहर के सबसे व्यस्त इलाके चौक में कपड़ा व्यवसायी बलजीत सिंह छाबड़ा की हत्या कर पुलिस को चुनौती दी थी।
वारदात के पीछे एक मुकदमे में सुलह न करने का विवाद सामने आया था। वारदात के दिन बलजीत सिंह छाबड़ा चौक स्थित अपनी दुकान आराधना मेंस वियर पर बैठे थे।
तभी वैभव पांडे उर्फ मोनू निवासी राजा गली चौक, नानू उर्फ मुस्तकीम निवासी पुरानी मछली मंडी चौक, अखिलेश पांडे निवासी रामघाट अयोध्या, निर्भय पांडेय निवासी वशिष्ठ कुंड अयोध्या दुकान में घुस आए थे।
कहा कि अजय, अखंड और मुन्ना के समझाने पर भी नहीं माने हो अब इसका परिणाम भुगतो। यह कहकर बलजीत छावड़ा को गोली मार दी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
दिनदहाड़े हुई इस हत्या से दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई थी। पूरी वारदात दुकान के बगल स्थित एक अन्य दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी। इसमें गोली मारने से लेकर सामने गैलरी में खड़े अपराधियों की फोटो कैद हो गई थी।
वारदात की रिपोर्ट मृतक के भाई हरजीत सिंह छावड़ा ने वैभव पांडे उर्फ मोनू, अंकित तिवारी, अखंड प्रताप पांडे, मुस्तकीम, अजय यादव, मुन्ना उर्फ अरुणेंद्र सिंह, अखिलेश पांडे के खिलाफ दर्ज कराई थी।
पुलिस ने वैभव पांडे उर्फ मोनू की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर भी बरामद किया था। पुलिस जांच के दौरान पता चला था कि 4 अक्तूबर 2017 को अखंड पांडे, अजय यादव, मुन्ना सिंह समेत पांच अन्य ने हरजीत सिंह छाबड़ा के घर पर जानलेवा हमला किया था।
जिसकी पैरवी बलजीत सिंह छाबड़ा कर रहे थे। उस मुकदमे में तीनों लोग सुलह करने का दबाव बना रहे थे। सुलह न करने पर वारदात को अंजाम दिया।
बलजीत छाबड़ा हत्याकांड में 7 लोगों को आजीवन कारावास
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