रिपोर्ट – सुधीर त्रिवेदी, वरिष्ठ संवाददाता
बाँदा:—यूपी में कोविड टीकाकरण अभियान ने अपनी तेज रफ्तार पकड़ ली है। इसका असर यह हुआ है कि राज्य में अब जिंदा तो जिंदा ‘मृत’ लोगों के भी कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हो गयी है। ताजा मामला यूपी के बांदा का है जहां स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार स्टाफ ने बुजुर्ग महिला की मौत के दो महीने बाद उन्हें कोविशील्ड की दूसरी डोज लगा दी। न सिर्फ डोज लगा दी बल्कि फाइनल वैक्सीनशन का ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। अब जब स्वास्थ्य विभाग की जगहंसाई शुरू हुई तो सीएमओ ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार शहर के सर्वोदय नगर इलाके की रहने वाली 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला शांति निगम का इसी साल के बीते 27 अप्रैल को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। अपनी मौत से पहले 22 मार्च को उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगाई गयी थी। उन्हें टीके की दूसरी डोज लग पाती इससे पहले वह इस दुनिया से चल बसीं। अचानक 23 जून की शाम उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर एक मैसेज आया जिसमें उन्हें दूसरी डोज लगाए जाने की पुष्टि की गयी थी, साथ ही ऑनलाइन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लेने का लिंक भी दिया गया था।
फाइनल सर्टिफिकेट के अनुसार मृत महिला को जिला अस्पताल बांदा में अंजुम निशा नाम के स्वास्थ कर्मी ने 23 जून 2021 को कोविशील्ड वैक्सीन की सेकेंड डोज लगाई, जिसका बाकायदा बैच नम्बर 4121Z097 है। मृत महिला के परिजनों ने मर चुके लोगों के नाम पर फर्जी आंकड़ेबाजी कर वैक्सीन की कालाबाजारी करने की आशंका जताई है।
वहीं जिले के सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने इस मामले में हैरानी जताते हुए कहा कि पोर्टल में ऐसा कैसे हो सकता है, इसकी जांच कराई जाएगी कि मृत महिला को वैक्सीनशन करने की गलत फीडिंग किसने की। मृत महिला के वैक्सीनशन का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। हालांकि CMO ने दोषी कर्मचारी का पता लगा कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।