एक ही पद पर दशकों से जमे बाबुओं की बन रही सूची : स्वास्थ्य मंत्री
मंत्री ने किया रायबरेली जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण
रायबरेली -कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में अस्पतालों की स्थिति जानने के लिए निकले स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने आज रायबरेली के जिला महिला एवम पुरुष अस्पताल का निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण के नाम पर ही जिला अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने एकजुट होकर कमियां छिपाने का भरसक प्रयास किया किंतु करीब एक घण्टे से अधिक समय अस्पताल में रहने के दौरान उनके पास लोग पैसे वसूलने से लेकर बाबुओं और डॉक्टरों की कार्यशैली की शिकायत करने भी पहुंच गए। जिसे उन्होंने गंभीरता से लेते हुए जांच का आश्वासन भी दिया।
अदम गोंडवी की उस वक्त की कविता का सार आज यूपी के स्वास्थ्य मंत्री को जरूर समझ में आया होगा जिसमे उन्होंने सिस्टम की खामियों पर सीधे वॉर किया था।
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है।
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।
उत्तर प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार खासतौर से रायबरेली के जिला अस्पताल में जो दृश्य देखने को मिला वो काफी चौंकाने वाला था। भारतीय जनता पार्टी यानी सत्तारूढ़ पार्टी का नगर अध्यक्ष ही योगी के राज में अस्पतालों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री से मिलने आ गया । यूं तो चैनेलो के कैमरे के सामने बोलने से लोग कतराते हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के सामने नगर अध्यक्ष संतोष पांडे ने जिला अस्पताल में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए साफ तौर पर कहा की हर तरीके की जांच में सिर्फ धन उगाही होती है। इसकी जांच करवा कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए ।
नगर अध्यक्ष संतोष पांडे में कहा कि हमें पता चला कि स्वास्थ्य मंत्री जी पधारे हैं तो हम ने आम जन समस्याओं से अवगत कराने के लिए उनसे मिले और कहा कि महिला अस्पताल में ब्लड जांच के नाम पर ₹100 से ₹200 तक लिया जाता है। डिस्चार्ज पेपर देने के नाम पर पैसा वसूला जाता है। कई बार हमने महिला सीएमएस और पुरुष सीएमएस से शिकायत की लेकिन इसकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसकी वजह से आम जनता परेशान है। संतोष पांडे ने पूरे स्टाफ के सामने कहा कि यहां पर कुछ करोड़पति कर्मचारी पिछले 25 सालों से एक ही कुर्सी पर तैनात हैं। तत्काल प्रभाव से इस पर जांच और कार्यवाही की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के दौरान कई मरीजो से बात भी की। उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल की अब तक की तैयारियों को भी करीब से देखा और कमियों जो जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मंत्री से अस्पताल में की गई अवैध उगाही की शिकायत पर उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को सुधरने की नसीहत दी।
पूरे दौरे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा विभाग में दशकों से मौजूद भ्रष्ट बाबुओं की भी लिस्ट बन रही है जिन पर जल्द ही जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
पत्रकारों से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया हर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में जहां तक संभव होगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जाने का मैं स्वयं प्रयास करूंगा। मैं देख रहा हूँ जितने भी हमारी स्वास्थ्य सेवाएं हैं वहां पर सफाई कैसी है वहां के डॉक्टर कितने परफेक्ट हैं वहां के शौचालय कैसे हैं और वहां के पेशेंट कैसे हैं। इस तरह हम कई दिनों से निरीक्षण कर रहे हैं। आज हम रायबरेली आए हैं और जहां पर जैसी कमियां हैं जैसे यहां पर अल्ट्रासाउंड मांगा गया है मान्य हो गया है प्रयास करेंगे जितनी जल्दी हो सके आ जाए ताकि पेशेंट को कोई दिक्कत ना हो। उन्होंने मीडिया से कहा कि यह बात आपकी सही है यहां आने के बाद हमें पैसे लेने की शिकायत मिली है हम इसको देखेंगे। वैसे किसी आदमी को पैसे तो नही देना चाइए। अगर हमारा बाबू या कर्मचारी पैसे मांगता है तो उसकी शिकायत अगर समय के अंदर मिल जाती है हम उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे। वैसे भी हम लोग प्रयास करते हैं पता लगाने की। कुछ जनपद हमारे ऐसे हैं वहां कुछ संख्या ज्यादा है। वहां पर हमारी डॉक्टर्स की टीमें गई हैं सेंट्रल गवर्नमेंट की भी टीम गई हुई है। बाबा रामदेव की कोरोनिल के जवाब में उन्होंने कहा कि देखिए आयुर्वेदिक पद्धति बहुत पुरानी परंपरा है जब एलोपैथिक दवा नहीं होती थी। हकीम के द्वारा उसकी दवाई कराते थे। उस जमाने में उनके पास बहुत सारा ज्ञान था। बहुत सारी जड़ी बूटियों से मिलकर तमाम प्रकार की दवा पद्धति बनाते थे। जिससे लोगों का इलाज होता था। आज दुनिया बहुत मॉडर्न हो गई है। हमारा सिस्टम गड़बड़ हो गया बाबा रामदेव जी बहुत सारी दवाइयां बनाते हैं। कोई भी आयुर्वेदिक दवा होम्योपैथिक उसका एक सिस्टम है, उसका एक प्रक्रिया है। वह हमारी लैब में टेस्ट होगा। टेस्ट होने के बाद ही उसे रिलीज करेंगे। अभी तक तो बाबा से बात नहीं हुई। हमने टीवी पर देखा था कि उन्होंने लांच किया है। जब तक टेस्टिंग और प्रमाणित नहीं हो जाता तब तक उसके बाद ही मार्केट में आएगा।