बेलाताल ( महोबा ) । बारिश से किसानों के मुरझाए चेहरे खिल पडे हैं। ऐसे में खेतों में सूख रही फसलों को बारिश ने संजीवनी दे दी है।
एक महीना यूं ही फिर से सूखे की आहट देकर निकल गया था। लेकिन अब गाहे बगाहे हो रही बारिश के बाद लगने लगा है कि मानसून लौट आया है। इससे खेतों में मुरझाई फसलें लहलहा उठी हैं। अभी दो दिन पूर्व तक खेतों में दरार देख किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें मिट गई है तो फसलों की रंगत बदलता देख चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
बारिश ने किसानों की किस्मत खोल दी है। सब्जी वाले खेतों में जलजमाव होने से फसलों को नुकसान पहुंचने से सब्जी उत्पादक खासा चिंतित हैं। वैसे तो बरसात के मौसम की शुरुआत 15 जून को ही हो चुकी है, लेकिन बारिश ने बीते दो माह से किसानों व आम जनमानस को निराश ही किया है। शुरु से ही मौसम की बेरूखी से किसानों के होश उड़ते रहे। मूंग ,अरहर ,उर्द ,मूंगफली, धान की फसलों को बचाने के लिए किसानों को कई जतन भी करने पड़े। इस मौसम में अभी तक पहली बरसात हुई। अभी तक तेज धूप व उमस से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे तथा आशा भरी नजरों से बादलों की ओर निहार रहे थे। इंद्र ने आमजन की सुन ली। मौसम का रूख बदला तो बादलों ने भी बारिश कर सभी को चिंता मुक्त कर दिया।
कभी तेज तो कभी फुहारों ने मौसम को उम्दा बनाया। मूंगफली उर्द आदि के खेतों में दरारे देख एक पखवारे से चिंतित किसानों की वांछे खिल गई हैं। मौसम अनुकूल होने व बारिश से फसलों को भरपूर पानी मिलने से मुरझा रही फसलें लहलहा उठी हैं। किसान यूरिया का छिड़काव करने में जुट गया है।