टी.पी.यादव
रायबरेली। समन्वित बाल विकास परियोजना (आईसीडीसी) क़े प्रचार प्रसार को ब्लाक परिसर में 6 विभागों की प्रमुख योजनाओं को लेकर आयोजित गोष्ठी में जिम्मेदारो क़े मुंह फेरने से शासन की मंशा पर पलीता लगता दिखाई पड़ रहा है। कार्यक्रम में विभागों क़े जिम्मेदारो क़े ना पहुंचने पर आंगनबाड़ी एवं ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों से हस्ताक्षर करा गोष्ठी कार्यक्रम कागजो में संपादित कराया गया। बताते चले की शासन क़े निर्देश पर सोमवार को ब्लाक सभागार में बाल विकास परियोजना द्वारा आईसीडीसी द्वारा संचालित योजनाओं क़े प्रचार प्रसार को लेकर आयोजित एकदिवसीय गोष्ठी में 128 आंगनबाड़ी, 3 एएनएम,8 आशा बहू एवं 4 सुपरवाइजर का तो समय से जमावड़ा रहा किन्तु बाल विकास परियोजना अधिकारी अरुण कुमार पांडेय स्वयं नदारद दिखे यही नही गोष्ठी में पंचायती राज, खाद्य एवं रसद विभाग, ग्राम विकास एवं शिक्षा विभाग से किसी ने भी पहुंचना आवश्यक नही समझा।
सबसे हास्यास्पद स्थिति यह रही की सभागार क़े मंच पर कहने वाले वक्ताओं/अतिथियों की कुर्सियां तो खाली रही वही नीचे सुनने वालो भारी तादात में मौजूद रहे। मालूम हो की बच्चों, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओ क़े स्वास्थ्य, पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओ को प्रदान करने वाले 6 विभागों बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, स्वास्थ्य विभाग,पंचायतीराज, खाद्य एवं रसद, ग्राम्य विकास एवं शिक्षा विभाग की योजनाओं क़े प्रचार प्रसार को लेकर गोष्ठी का आयोजन कराने का पत्र मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल द्वारा समस्त विभागों क़े अधिकारियों सहित बाल विकास परियोजना अधिकारी अरुण कुमार पांडेय को जारी किया गया किन्तु स्वास्थ्य विभाग क़े ग्राम स्तरीय कर्मियों एवं आंगनबाड़ी क़े अलावा किसी भी अधिकारी क़े ना आने से गोष्ठी क़े नाम पर कागजी खानापूर्ति की गयी। इस दौरान जलपान आदि की कोई भी व्यवस्था परियोजना विभाग द्वारा नही की गयी। मामले में परियोजना कार्यालय की बाबू शालिनी ने बताया की कार्यक्रम/गोष्ठी क़े बारे में कोई भी जानकारी नही है। वही सीडीपीओ अरुण कुमार पांडेय का दूरभाष से संपर्क नही हो सका।
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