लाॅकडाउन के चलते बेटा न कर सका मां के अंतिम दर्शन
राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड़ (महोबा)। महाराष्ट्र से आए कामगारों के जत्थे में एक ऐसा बदनसीब भी था, जो लाॅकडाउन के चलते अपनी मां के अंतिम दर्शन भी न कर सका। मां ने दुर्गा दुर्गा कह कर बेटे को तब तक पुकारा जब तक उसके प्राण पखेरू न उड गए।
मुम्बई में चालक को तीन हजार रुपए देकर दुर्गादीन कैंटर में इसलिए बैठकर चला था कि बीमार मां की कुछ दिन सेवा करुं, मां का इलाज करा सकूं लेकिन दुर्गादीन लोधी की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। मुम्बई से कैंटर पर जब कामगार चले तो झांसी तक तो सहजता से आ गए लेकिन महोबा से निकलते समय कैंटर चालक मजदूरों को रास्ते में उतारकर भाग निकला था। नगर के जनतंत्र इंटर कॉलेज में बने आश्रय स्थल में उन्हें क्वारंटाइन किया गया। कल दुर्गादीन लोधी की मां करमादेवी ७० वर्ष दुर्गा दुर्गा का नाम पुकारते पुकारते स्वर्ग सिधार गई। भैंसा जिला सिद्धार्थ नगर निवासी दुर्गादीन को जब मां के निधन की सूचना मिली तो वह फफक कर रो पड़ा । दुर्गादीन की अनुपस्थिति में उसके दो भाईयों भोला व जीनत ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।