भगवान सदैव अपने भक्तों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं : धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे

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प्रतापगढ़। लक्ष्मी नारायण मंदिर चिलबिला में भगवान नृसिंह की जयंती धूमधाम से मनाई गई। भगवान लक्ष्मी नारायण का पूजन एवं भक्तों ने भगवान नाम संकीर्तन किया।

इस अवसर पर धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने कहा कि पूर्व काल में भगवान श्रीमन्नारायण के इच्छा के अनुसार आपके दोनों पार्षद जय विजय ने ही दैत्य हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु के रूप में अवतार लिया। हिरण्यकश्यपु के एक पुत्र नारद जी की कृपा से प्रहलाद अवतरित हुए।

प्रहलाद को नारद जी ने ब्रह्मा जी से प्राप्त मंत्र “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” प्रदान कर समाश्रित किया। भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए यथासंभव उपाय करते हैं। इससे नाराज होकर के एक दिन हिरण्यकश्यपु ने प्रहलाद को खंभे में बांधकर कहा बुलाओ तुम्हारा भगवान कहां है? प्रहलाद ने भगवान को याद किया नरसिंह भगवान खंभे से प्रकट हुए हैं उस दिन वैशाख मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी।

भगवान नृसिंह ने हिरण्यकश्यपु को अपने जांघों के ऊपर बैठा करके प्रदोष काल में उसके हृदय को विदीर्ण कर दिया। उसकी आंतों की माला पहन लिए और प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाया भगवान हंसने लगे और उनको देखकर प्रहलाद भी हंसने लगे प्रहलाद को हंसता देखकर दे देवता भी हंसने लगे।

भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं इसीलिए गीता में भगवान कहते हैं हे अर्जुन सभी धर्मों का परित्याग करके तुम मेरी शरण में आओ हम तुम्हारे भार को अपने कंधे पर ढोएंगे।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जय नारायण अग्रवाल घनश्याम रामानुज दास कन्हैया लाल नारायणी रामानुजदासी नीतू रामानुज दासी सीता रामानुज दासी डॉ अवंतिका पांडेय डॉ अंकिता पांडे इं पूजा पांडे विश्वम प्रकाश पांडे रघुनंदन उमरवैश्य हरि मंगल पांडे शिव प्रकाश पांडे अभिषेक मिश्रा अंकित मिश्रा पुजारी गण, बद्री प्रसाद गुप्ता कन्हैयालाल उमरवैश्य राजेश अग्रवाल शंकरलाल उमरवैश्य सहित भारी संख्या में महिला पुरुष एकत्रित रहे।

  • अवनीश कुमार मिश्रा
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