भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का निधन हो गया है, 91 साल के मिल्खा सिंह ने करीब एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार की रात चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली, मिल्खा सिंह 17 मई को कोरोना संक्रमित हुए थे, कुछ दिनों में उनकी तबीयत में सुधार हो गया था, लेकिन अचानक से ऑक्सीजन का स्तर कम होने के बाद उनको सांस लेने में तकलीफ हई और उनकी सांसें थम गई, पांच दिन पहले उनकी पत्नी निर्मल कौर का भी 13 जून को निधन हुआ था, फ्लाइंग सिख के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राजनैतिक दिग्गज और फिल्म जगत से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा अब के (पकिस्तान) के एक सिख परिवार में हुआ था, मिल्खा को खेल और देश से बहुत लगाव था, विभाजन के बाद उनका परिवार भारत भाग आए गया, मिल्खा सिंह कुछ वक्त सेना में रहे लेकिन खेल की तरफ अधिक झुकाव होने की वजह से उन्होंने क्रॉस कंट्री दौड़ में हिस्सा लिया, इसमें 400 से ज्यादा सैनिकों ने दौड़ लगाई, मिल्खा 6वें नंबर पर आए, वर्ष 1958 मिल्खा के करियर का सर्वश्रेष्ठ साल रहा, इसके बाद 1959 में उन्होंने कई यूरोपियन इवेंट्स में विजय प्राप्त की, मिल्खा सिंह के करियर का सबसे खास लम्हा तब आया जब वह 1960 के रोम ओलिंपिक में सेकंड के 100वें हिस्से से पदक से चूक गए थे, यहां वह जीत तो नहीं सके लेकिन 45.73 सेकंड का समय निकालकर उन्होंने 400 मीटर का नया राष्ट्रीय रेकॉर्ड बनाया, मिल्खा सिंह पाकिस्तान में आयोजित एक दौड़ के लिए गए, इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, उनके प्रदर्शन को देखकर पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘द फ्लाइंग सिख’ नाम दिया था, मिल्खा सिंह ने एक बार फिर जोश दिखाते हुए 1962 के जकार्ता एशियन गेम्स में दो और गोल्ड मेडल जीते, मिल्खा के शानदान प्रदर्शन से उनके नाम 10 एशियन गोल्ड मेडल हुए उनकी सफलता को देखते हुए, भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।