मझगवां डैम फिर खाली का खाली

12

अराजक तत्वों ने पिकप वियर पर बनाए गए स्क्रैप को तोडा, एफआईआर के आदेश

बेलाताल ( महोबा )- मझगवां डैम के एक बार फिर न भर पाने का मामला जिला सतर्कता समिति की बैठक में उठाए जाने के बाद गठित जांच समिति ने जांच में पाया है कि पिकप वियर पर बनाए गए स्क्रैप को अराजक तत्वों ने तोड डाला है . जिससे सारा पानी बर्बाद हो गया . जांच टीम ने स्क्रैप को तोडने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की है . वर्षा के दौरान नियमित पेट्रोलिंग न करने पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी को भी बराबर का दोषी ठहराया है . टीम अपनी जांच आख्या सोमवार को डीएम को सौंप देगी.

जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में मंगरोल प्रधान अर्जुन सिंह राजपूत ने जैतपुर विकास खंड के इकलौते मझगवा डेम के न भरने की शिकायत की थी . बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर डीएम को जांच कराने को कहा था .

गौरतलब है कि डैम को पूरा भरने के लिए वर्ष 2007 में सात करोड़ खर्च कर सहायक नाले का निर्माण किया गया था।फिर भी पानी न जाने की किसानों की मांग पर सांसद ने सांसद निधि से 27 लाख रु निर्गत कर पिकप वियर की ऊंचाई बढ़ाने व बंध बनाने की व्यवस्था करा दी थी। वर्ष 2019 में मझगवा डेम लबालब भर गया था, पर इस वर्ष पूरा डेम खाली होने व रबी की फसल की बुवाई न हो पाने की शिकायत पर सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल भड़क गए और जांच कराने को कहा .

डीएम ने परियोजना निदेशक डीएन पांडेय, पी डब्लू डी के एक्सईएन बी बी अग्रवाल, सिंचाई निर्माण खंड के एक्सईएन ए के सिंह, आरईएस के एक्सईएन परवेज रिजवान को मौके पर जाकर जांच करने व आख्या सोमवार को देने के निर्देश दिए .
पांच सदस्यीय समिति ने मौके पर जाकर सहायक नाले का पानी मझगवा डैम में न पहुंचने के कारणों का पता किया .
सांसद निधि से दो वर्ष पूर्व बने पिकप वियर को टूटा हुआ पाए जाने पर समिति भौचक रह गई . बारिश का सारा पानी मझगवा डेम में जाने की बजाए बह कर बर्बाद हो गया . आसपास के किसानों ने समिति को बताया कि पिकप वियर महुआबांध के अराजक तत्वों द्वारा तोड़ा गया है . किसानों ने उनके नाम भी समिति को बताए . समिति ने विभागीय मेट को भी बराबर का दोषी बता डीएम से एफ आईआर की सिफारिश की है.
उल्लेखनीय है कि मझगवा डेम से निकली नहरों से आसपास के 40 ग्रामों के हजारों किसानों की 50 हजार हेक्टेयर की सिंचाई होती है. इस वर्ष डेम खाली रह जाने से एक बड़े भूभाग में रबी की फसल की बुवाई हो पाने की कोई संभावना नहीं है.

अपग्रेड होगी हिलुआ नाले की डिजाइन

जिम्मेवार तकनीकी अफसरों ने जांच करने के अलावा आगामी वर्षों में डेम को पूर्ण रूप से भरने का खाका भी तैयार किया . हिलुआ नाले के आसपास 200 मीटर तक बंध बनाने को बेहद जरूरी बताया . इसके अलावा नाले पर बने रेगुलेटर की चौड़ाई तीन गुनी कर देने को भी जरूरी बताया।रेगुलेटर से डेम तक चार किमी में सफाई व मरम्मत कराने की सिफारिश की गई.
परियोजना का मसौदा तैयार कर मुख्य अभियंता परियोजना को प्रेषित करने व जल्द कार्य कराने का निर्णय लिया गया.

फसल माफियाओं से वसूलें 27 लाख

सात करोड़ 30 लाख खर्च होने के बाद भी डेम खाली रहने की बात सुनकर सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल भड़क गए थे . उनके तेवर देख अफसरों को प्रकरण की गंभीरता का पता चला . सांसद ने मझगवा डेम को भरने से रोकने वालों के खिलाफ सख्ती करने के निर्देश दिए . सांसद ने ऐसे लोगों को फसल माफिया बताया . उन्होंने खुलासा किया कि मझगवा डेम में तिल , उड़द व मूंगफली की फसल डूब न जाए इसलिए 27 लाख से बनी पिकप वियर को तोड दिया गया. सांसद ने एफ आई आर दर्ज कर पूरा पैसा वसूल कर पिकप वियर का दुबारा निर्माण कराने के भी निर्देश दिए।

Click