●दिग्विजयसिंह व कमलनाथ में है काफी तनातनी का मौहाल
मध्य प्रदेश/भोपाल — मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक जारी है गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने और मात्र 15 महीने में सरकार गंवाने के बाद भी मध्यप्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा।मध्यप्रदेश मे 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले राज्य में कांग्रेस पार्टी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमों में बंट गई है।तथा इन दो बड़े नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से वहां की राजनीति में नया मोड़ आ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का मामला भी इसी वजह से अभी तक अधर में लटका हुआ है। लेकिन अभी ये दोनों पद कमलनाथ ही संभाल रहे हैं।मध्यप्रदेश में उपचुनाव से ठीक पहले कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमों में बंटी दिख रही प्रदेश कांग्रेस के पीछे का कारण चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की पार्टी में होने वाली वापसी को लेकर माना जा रहा है।दरअसल जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता चौधरी राकेश सिंह उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं। लेकिन भाजपा में शामिल हो गये थे , लेकिन नाखुश लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा छोड़ दिया था।
चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की वापसी के बाद कमलनाथ खेमे के नेता उन्हें भिंड के मेहगांव से विधानसभा उपचुनाव लड़ाना चाहते हैं। कमलनाथ के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति जैसे नेता हैं। वहीं दिग्विजय सिंह के खेमें में डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह और केपी सिंह जैसे नेता शामिल हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस में आपसी खींचतान की वजह से ही पार्टी को उपचुनाव में टिकट वितरण में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है ,साथ ही आगे हालात को देखते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए बहुत कठिन दिख रहा है ।जिन 24सीटों पर उपचुनाव होने है वे काफी निर्णायक भूमिका मध्यप्रदेश की सत्ता के लिए साबित होंगी इन्हीं सीटों के आधार पर यह तय होना है कि मध्यप्रदेश में किसकी सरकार रहेगी।