सतना – म. प्र. के अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आई.सी.पी. केशरी ने जानकारी दी है कि कोरोना संकट के कारण मध्यप्रदेश के अन्य प्रदेशों में फँसे करीब 20 हजार श्रमिकों को अभी तक प्रदेश में वापस लाया जा चुका है। इनमें आज 29 अप्रैल को जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर से 200 बसों से आये प्रदेश के श्रमिक नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर एवं गुना एंट्री पाइंट पर पहुँच गये हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं भोजन कराने के बाद इनके जिलों को रवाना किया जा रहा है। आज ही गुजरात से करीब 500 लोग लाये गये हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन लगभग 2 से 3 हजार श्रमिक प्रतिदिन पैदल आ रहे हैं। राजस्थान के मध्यप्रदेश में फँसे 3000 श्रमिकों को भी वापस भेजा गया हैं।
उमरिया जिले के भैयालाल लोहानी और श्योपुर जिले के नवल आदिवासी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजस्थान से वापस लाने पर धन्यवाद दिया है। लोहानी अजमेर से और नवल आदिवासी नागौर से वापस लाये गये हैं। नागौर के साथ वापस लाये गये 50 अन्य श्रमिकों ने भी मुख्यमंत्री और प्रशासन की सराहना की है।
विभिन्न जिलों में फँसे 30 हजार श्रमिकों को गृह स्थान पहुँचाया गया। अपर मुख्य सचिव केशरी ने बताया है कि पिछले पाँच दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में फँसे मध्यप्रदेश के करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके गृह स्थान में पहुँचाया गया है। कल आएंगे 10 हजार श्रमिक। केशरी ने बताया है कि 30 अप्रैल को राजस्थान से करीब 7 हजार और उत्तरप्रदेश से 3 हजार श्रमिक लाये जाएंगे। गोवा से भी 1600 श्रमिकों को वापस लाने की कार्यवाही की जा रही है।