मन्दाकिनी की सफाई लॉकडाउन की ओर!

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संदीप रिछारिया(वरिष्ठ संपादक)

चित्रकूट। कोरोना के भय के कारण शुरू हुए लाकडाउन के साथ ही साथ जब स्थानीय तौर पर देखा गया कि दुनिया की नदियां प्रदूषण से मुक्त हो रही है,लेकिन मन्दाकिनी में इसका कोई असर नही हो रहा तो ‘रिपोर्ट न्यूज’ ने मन्दाकिनी की सफाई के लिए लोगों को संवेदित करने का काम शुरू किया।पहली खबर देखते ही सतना जिले की नगर पंचायत नयागांव के सीएमओ ने तुरन्त स्टॉप डैम के गेट खुलवाकर अगले दिन से स्वयं प्रयास कर लोगों को नदी में सफाई के लिए भरतघाट व बड़े पुल के नीचे उतार दिया। दो दिन की सफाई के बाद उत्तर प्रदेश क्षेत्र के लोग भी आगे आये। महाराजा मत्तगयेन्द्रनाथ मन्दिर के प्रमुख प्रदीप तिवारी ने नाविकों को नदी में घाट निर्माण के समय डाली गई बोरियो के काम मे लगाया तो पर्णकुटी मन्दिर के महंत राजेन्द्र तिवारी बच्चू महराज खुद अपने चेलों के साथ नदी ने उतर गए।तीन दिन के अंदर देखते देखते हजारो बोरिया पानी से निकालकर घाटों पर लगा दी गई। खबरों को देखकर जिलाधिकारी मोके पर आए और उन्होंने सिचाई विभाग को इस काम मे लगने के आदेश दिए साथ ही कहा कि घाट के निर्माण में जिस भी ठेकेदार ने बोरिया छोड़ी है और तत्कालीन जिन अधिकारियों ने उसके काम का पेमेंट किया है, सभी के खिलाफ मुकदमा लिखाया जाएगा। इस दौरान पत्रकारों से कहा कि नदी से बोरिया निकालने का खर्चा ठेकेदार से वसूला जाएगा।

तीन दिन बाद डीएम के साथ कमिश्नर गौरव दयाल मौके पर पहुचे,इसी समय सतना जिले के कलेक्टर अजय कटसारिया भी पहुचे। दोनो प्रांतों के अधिकारियों की रजामंदी बनी कि लेबर के साथ ही मशीनों से काम करवाया जाएगा। कलेक्टर सतना ने पोकलैंड मशीन लगाकर नदी से कचरा बाहर कराने के लिए कहा।

अधिकारियों के दौरे के बाद लगातार काम काफी तेजी से चला, अचानक काम को विभाग ने ठेकेदार के माध्यम से कराना प्रारभ कर दिया। जिससे लगभग 125 तक पहुँच चुकी लेबर 20 के आसपास सिमट गई। हैरत की बात यह है कि कमिश्नर के द्वारा तारीफ किये जाने के बाद भी सिचाई विभाग लगातार खेल करने पर आमादा है। पहले तो विभाग ने बूढ़े हनुमान मन्दिर के नीचे की सफाई से अपने को अलग किया,अब धीरे धीरे रामघाट से भी समेटने के चक्कर मे दिखाई दे रहा है। पिछले तीन दिन में लेबर ने कुछ कुछ दर्जन बोरिया निकाली है।

दूसरी कहानी तो सतना कलेक्टर के द्वारा मशीन लगाने की बात की है। लगभग एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है, पर अभी तक नदी में पोकलैंड उतारने में मध्य प्रदेश के अधिकारी सक्षम नही हो पाए है। सीएमओ रमाकांत शुक्ला कहते है कि पोकलैंड की व्यवस्था तो हो गई है,पर अब डम्फर की समस्या है।

ठेकेदार और अधिकारियों पर नही हो सका मुकदमा, तीन सदस्यीय टीम कर रही जाँच

जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने मन्दाकिनी सफाई के निरीक्षण व कमिश्नर के पूछे जाने पर साफ शब्दों में कहा था कि नदी में बोरिया छोड़ने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर मुकदमा लिखाने के साथ अभी निकलने वाली बोरियो के पैसे की वसूली उसी से की जाएगी साथ ही पेमेंट करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी मुकदमा लिखाया जाएगा। इस परिपेक्ष्य में डीएम ने एसडीएम कर्वी,नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी व सिचाई विभाग निर्माण खण्ड के अधिशाषी अभियंता की टीम बनाकर जांच रिपोर्ट मांगी है। जबकि दूसरी तरफ सिचाई विभाग आईसीडीएस के एक्सीयन आशुतोष कुमार ने ठेकेदार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

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