मानवीय सह्रदय रूप के प्रतीक डॉ. मनीष सिंह

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ज़रूरतमंदों की चुपचाप कर रहे सहायता डॉ. मनीष

इनपुट – सुरेश दत्त

रायबरेली – मनुष्य स्वयं के बदलाव में सहज व प्रकृति के बदलाव से सदैव असहज महसूस करता है यही असहजता का या कहे संकट काल हमे संघर्ष के साथ टूटते बिखरते रिस्तो को सहेजने के लिये प्रेरित करता है, यही हमारी सनातन संस्क्रति है, जिसमें हम मानवीय गुणों के उस सह्रदय रूप का दर्शन करते है जब दानवीरों की पूरी श्रंखला असहायों की मदद के लिये हाथ आगे बढ़ाती हुई अन्नदान करती है। पूरा विश्व इस समय कोरोना जैसे अदृश्य शत्रु से संघर्ष कर रहा देश लॉकडाउन के कारण घरों में कैद होने को विवश है ऐसे में गरीब, मजदूर, फूटपाथ पर जिंदगी की सांझ करने वालो से लेकर किसी के सामने हाथ न फैलाने वालो का बड़ा वर्ग एक समय के भोजन के लिये परेशान है, संकट की इस घड़ी में खामोशी के साथ जरूरतमंदों के मदद करने वालो की जनपद में लम्बी सूची है। स्वर्गीय अधिवक्ता पिता की चिकित्सक सन्तान ने लॉकडाउन के बाद से गरीब दिहाड़ी मजदूर, झोपड़पट्टी में निवास करने वालो को परेशानी में देखकर परिवार के साथ रणनीति बनाकर उनकी मदद का निर्णय लिया, चर्चित सिमहेन्स हॉस्पिटल के संचालक डॉ मनीष सिंह चौहान ने जिस तरह अपने सहयोगियों का पता लगाकर चुपचाप सहायता के रूप में राशन सामग्री पहुचाई उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। डॉ मनीष सिंह ने शहर में बिना भेदभाव के हर जाति धर्म के लगभग 200 परिवारों को चिन्हित कर उन्हें लॉकडाउन तक भोजन सामग्री देते रहने के निर्णय में उनकी धर्मपत्नी डॉ ओमिका सिंह व परिवार के सदस्यो की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। भौतिकता के वैभवपूर्ण जीवन की लालसा में अर्थ के पीछे भागता एक वर्ग सम्बन्धो की मिठास से अपने को अलग कर चुका हो ऐसे संकट काल मे सामाजिक सरोकारों से गहरे जुड़े डॉ मनीष सिंह की समाजसेवा दिहाड़ी मजदूर, ऑटो, ई रिक्शाचालक सहित जरूरतमंदों तक परिवार के सदस्यों की संख्या के हिसाब औसत पन्द्रह दिनों के लिये पर्याप्त राशन सब्जी किट में आटा, चावल, अरहर, मूंग, मटर की दाल, चना, सरसो तेल, रिफाइंड, पिसा मसाला, नमक, साबुन, मंजन, जैसी आवश्यक वस्तुओं के साथ आलू, प्याज, लहसुन की कीट बनवाकर वितरित कर रहे है, लोगो को पता ही नही चल पाया कि यह राहत कौन दे रहा है पन्द्रह दिनों की राहत सामग्री वितरित करने के बाद जब उन्ही परिवारों को दोबारा राशन किट घरों तक पहुची तो पहुचाने वालो में किसी ने उनका नाम बता दिया, लोग उनके प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त करने के साथ तरक्की के लिये दुआएं कर रहे है । डॉ मनीष द्वारा संकटकाल में जरूरतमंदों तक भेजी जा रही सहायता अमीर और गरीब के मध्य चौड़ी होती खाई को पाटने के साथ हमारी सभ्यता का अवशेष को नवउर्जा प्रदान कर दानवीरों को प्रेरित कर रहा है जिससे मदद के लिये लोगो के हाथ गरीबो तक बढ रहे है।

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