मुढारी के बृजेन्द्र राठौर बने डाॅक्टर

19

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड ( महोबा )
निकटवर्ती ग्राम मुढारी के बृजेन्द्र राठौर अब डाॅक्टर बन गए हैं उन्हें सागर विश्वविद्यालय ने इतिहास में शोध प्रबंध के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की है .
कुलपहाड़ तहसील के ग्राम मुढारी निवासी शोधार्थी बृजेन्द्र कुमार राठौर पुत्र महादेव प्रसाद राठौर ने पी०एच०डी की उपाधि पाकर समूचे जनपद का नाम रोशन किया है। बृजेन्द्र कुमार राठौर वर्तमान में गेस्ट फैकल्टी के रूप में डॉ० हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर ( मध्य प्रदेश ) में इतिहास विभाग में कार्यरत हैं।
बृजेन्द्र कुमार राठौर ने प्रो० बी०के० श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में ” बुंदेलखंड के शैक्षिक विकास में स्थानीय निकायों की भूमिका (1947- 2009 ई०) सागर संभाग के विशेष संदर्भ में ” विषय पर शोध किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों के विकास पर शोध किया है। शोध में ब्रिटिशकाल में बुंदेलखंड के शैक्षिक विकास , ब्रिटिश अधिकृत क्षेत्र और देशी रियासतों के प्रयास , आजादी के बाद स्थानीय स्तर के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों एवं नगरीय निकायों को जिस तरीके से शक्तिशाली और अधिकार संपन्न बनाया गया है लेकिन इसके बावजूद उस तरह के परिणामों की प्राप्ति नहीं हो सकी है। शोध से यह बात भी स्पष्ट हुई है कि चाहे ग्राम स्तर की बात हो या शहरी स्तर की आज किस प्रकार से शिक्षा का निजीकरण हो रहा है। और संसाधन विहीन बच्चे जो कि जीवन – निर्वाह योग्य शिक्षा से वंचित होते जा रहे हैं। इस स्थिति से निकलने के लिए यह आवश्यक हैं कि स्थानीय स्तर पर ही लोग आपसी सामंजस्य और संवेदनशीलता से अपने बच्चों के भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इस शोध से नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों के अधिकारियों तथा उनके प्रमुखों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षाधिकारियो और संवेदनशील नागरिकों को अपने आस – पास की शैक्षिक स्थिति में सुधार करने में सहायता मिल सकेगी।

Click