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जूता पहनकर बैटरी रिक्शे पर बैठे मोरारी बापू को संत ने सुनाई खरीखोटी
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सतुआ बाबा व मोरारी बापू के इस कृत्य से चित्रकूट के निवासी हैं नाराज
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लाॅकडाउन में बेरोजगारी झेल रहे तमाम छोटे छोेटे कथावाचक कर रहे मोरारी बापू व सतुआ बाबा का गुणगान
रिपोर्ट – संदीप रिछारिया
चित्रकूट। ताउते तूफान ने गुजरात के महुआ से उड़ाकर विवादित कथावाचक मोरारी बापू की श्रीरामकथा को मध्य प्रदेश के चित्रकूटधाम स्थित आरोग्यधाम में कोरोना कर्फयू के दौरान राजनैतिक पहुंच के चलते ला दिया। लगभग डेढ़ साल से बंदी की मार झेल रहे तमाम संत, महंत, समाजसेवी, व्यापारी और छोटे वाले कथावाचकों को मानों संजीवनी मिल गई। नेताओं व समाजसेवियों ने अपनी फोटो चमकाई तो कुछ छोटे कथावाचक भी चमचागिरि में लग गए। भिखारियों की इस जमात को देखकर विवादित कथावाचक ने अपने खूब करतब दिखाए। मौला-मौला गाकर मु गैंग की नुमांइदी करने वाले इस कथावाचक ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए चित्रकूटधाम की गरिमा को नष्ट करने का हर संभव प्रयास किया।
कथा के सातवें दिन देर शाम कथावाचक व उसके चेलों ने चित्रकूट के अधिष्ठाता देव भगवान श्रीराम के आश्रय स्थल श्रीकामदगिरि भगवान की नंगे पैर की जाने वाली परिक्रमा को बैटरी रिक्शे पर मसलंद लगाने के साथ जूते पहनकर की। इस दौरान उसके चेलों ने भी यही काम किया। गौरतलब है कि इसी दिन उसने सैकड़ों लोगों की उपस्थित में भरत चरित्र का बखान किया, लोगों से कहा कि जब भी परिक्रमा करते तो राम भरत के मिलन स्थल भरत मिलाप पर जरूर जाएं, लेकिन जब उनका रिक्शा भरत मिलाप पहुंचा तो बाहर मौजूद मंदिर के महंत राममनोहर दास ने उनको अंदर आने का अनुरोध भी किया तो वह हाथ हिलाते हुए आगे बढ़ गए। खोही गांव में भागवत पीठ के सामने पंडित ओम प्रकाश ने जब उनसे राम राम किया तो उन्होंने हाथ हिलाया, इस पर नाराज होकर ओम प्रकाश चिल्लाए कि क्या यहां पर पिकनिक मनाने आए हो, यहां पर भगवान कामदगिरि किसी को जूते पहनकर परिक्रमा करने वाले वालों को छोड़ते नही हैं, तुम्हें दंड अवश्य मिलेगा। इसके बाद लेटे हनुमान व सरयू धारा पर भी उनका रिक्शा नही रूका। जहां एक तरफ मोरारी बापू का हाल यह रहा वही दूसरी ओर उनके साथ वाराणसी से चित्रकूट कथा सुनने आए संत सतुआ बाबा ने भी अपने करतब दिखाए। उनके साथ आए भक्त को उन्होंने जूता पहनकर परिक्रमा करने की छूट दे दी।
कथा के शुरू से रहे विवाद के घेरे में
कथा प्रारंभ होने के पूर्व जगद्गुरू अतुलेशानंद महराज ने चित्रकूट में कोरोना कर्फयू के दौरान कथावक्ता मोरारी बापू के कथा करने पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उन्होंने श्री कृष्ण को गाली दी है। राम के मंच पर मौला और अली का जाप करता है। ऐसे व्यक्ति को चित्रकूट सहन कैसे कर सकता है। उन्होंने मोरारी बापू को शास्त्रार्थ करने की चुनौती भी दी थी।
दो साल पहले श्मशान में विवाह और अयोध्या में नगर वधुओं को सुना चुके हैं कथा
दुबई में जाकर कथा करने वाले मोरारी बापू काशी के मणिकर्णिका घाट पर विवाह और अयोध्या में मुंबई व कोलकाता की नगर वधुओं को श्री राम कथा सुनाने के साथ ही श्री कृष्ण भगवान पर की गई अभद्र टिप्पणी के कारण काफी बदनामी झेल चुके हैं। तमाम जगद्गुरूओं, महामंडलेश्वर व महंतों संतों से अपनी भद्दा पिटवाने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगने के बाद कुछ राहत पाए थे। वैसे चित्रकूट के श्रीतुलसीपीठाधीश्वर पदमविभूषण जगद्गुरू रामभद्राचार्य जी महराज ने भी उनकी जमकर खबर ली थी। चित्रकूट में कोरोना के कर्फयू के दौरान अभी तक जगद्गुरू रामभद्राचार्य जी महराज ने अपनी कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे खुद महामारी के इस कठिन समय को केवल भजन के सहारे काट रहे हैं। वैसे इस कथा के होने से वह काफी नाराज भी बताए जाते हैं।