लालगंज रायबरेली थाना क्षेत्र में कस्बे से लेकर क्षेत्र में मोहर्रम का त्योहार बड़े ही अकीदत के साथ मनाया गया । इस्लाम धर्म में मोहर्रम से ही नए वर्ष (साल) की सुरुवात मानी जाती है । मोहर्रम की दसवीं को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। और उसी की शहादत में लोग मातम मानते है । और इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे थे। जो कर्बला की जंग में शहीद हुए थे। वही ताजिया दारो ने बताया कि आसुरा के दिन हुसैनी मुसलमान गली गली शरबत पिलाते और गरीब यतीम की मदद करते और अपने मुल्क की हिफाजत के लिए दुआ करते है । वही मुस्लिम समुदाय के लोग तमाम आसमानी व जमीनी बालाओ से हिफाजत की भी दुआ करते है। ऐहार गांव से ताजिया , मेन रोड होते हुए बाल्हेमऊ पहुंच कर कर्बला में सुपुर्द ऐ खाक किया जाता है।पुलिस बल के साथ प्रभारी राजेश कुमार सिंह चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहे और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही स्थानीय गांवों के निवासी दहाड़ा,सलीम,जुबेर,राजू,शब्बीर,मैनुद्दीन,नफीस आलम, साकिर पुत्तन,शहाबुद्दीन,मोहम्मद,वारिस,नफीस,आदि सभी लोग मौजूद रहे।
मोहर्रम का त्योहार बड़े ही अकीदत के साथ मनाया
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