न्यूजडेस्क – प्रदेश में जब से सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे के मुखिया के तौर पर यूपी की बागडोर संभाली तो गोवंशों की स्थिति सुधारने पर जोर दिया गया, हर जिलों में गौशालाओं के निर्माण की बात कही गयी, मुख्यमंत्री के दबाव में प्रयास भी शुरू किए गए मगर आज जो तस्वीर सामने आ रही है, वह विचलित कर देने वाली है। शहरों में सड़कों पर और गांव की पगडंडियों में झुंडों के रूप में गोवंश अक्सर बेहाल दिख जाते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बुरा हाल ग्रामीण क्षेत्रों का है जहां ठंडे कमरों से निकल कर जाना जिला पशु चिकित्सा अधिकारी अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। और इसके बाद इनके अधीनस्थ तो कागजो पर ही इन्हें देख समझ कर निदेशालय से लेकर मुख्यमंत्री तक को सब चकाचक दिखा देते हैं। दरअसल इन्हें जमीन पर जाकर हकीकत देखने की जरूरत ही नही महसूस होती है। ये वो तस्वीरें हैं जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगी, आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी। बड़े बड़े तामझाम और खोखले दावों के बीच गौशालाओं के आसपास मृत गोवंशों के शव अधिकारियों व गौशाला संचालको की लापरवाही बताने के लिए काफी हैं। आइये रूबरू कराते हैं, जनपद रायबरेली में गोवंशों की दुर्दशा की एक झलक से…
बदहाल हैं गौशाला
प्रदेश में तीन माह पहले जब सीएम योगी ने गोवंशों के हालत पर सख्ती दिखाई तो गौशालाओं का निर्माण शुरू हुआ, रायबरेली जनपद में भी पुरानी गौशालाओं को सुध ली गयी और सभी 18 ब्लाक में भी जिला पंचायत की तरफ से गौशाला बनाने का कार्य शुरू हुआ, मगर आलम यह है कि बेमन से बनाई गई सभी गौशाला अब फिर से बदहाली की तरफ अग्रसर हो चली हैं। उत्तर प्रदेश के मुखिया के आदेशों को रायबरेली के घाघ अधिकारी कितने हल्के में लेते हैं ये ख़ुद जर्जर खड़ी गौशालाएं बता रही हैं।
फोटो खिंचाने तक रही गयी जिम्मेदारी
जिले में जब गौशालाओं का निर्माण शुरू हुआ तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ जिले के कलाकार अधिकारियों तक में सीएम साहब के सामने नम्बर बढ़वाने की होड़ शुरू हुई। किसी मंझे हुए एक्टर की तरह हाथ मे गुड़ व हरा चारा लेकर फोटोग्राफी शुरू हुई और फ़्लैश चमकते ही सारी सेवा खत्म हो गई, इस दिखावे की फोटोबाजी को ट्विटर व अन्य सोशल साइट्स पर डालकर व चहेते अखबारों के माध्यम से स्वयम्भू प्रचार भी कराया गया। इसके बाद हमेशा की तरह जनपद के रंगे सियारों ने गिरगिट से तेज रंग बदला और गौशाला का नाम तक भूल गए। आज जिले की गौशालाओं से ऐसी दर्दनाक तस्वीरें आ रही हैं जिनको देखकर आपका भी मन द्रवित हो सकता है। जिस दर्द के बाद आप जाने अनजाने बेशर्म जिम्मेदारो को कोसना शुरू करेंगे।
कुत्ते नोच रहे गोवंश के शव
गौशाला के अंदर व आसपास को हालत यह है कि वहां भूख से मरे मवेशियों के शव कुत्ते नोच रहे हैं, राही ब्लाक के बेलाखारा ग्राम सभा मे स्थित वृहद गौशाला के पास की यह तस्वीरें देखकर आपको गोवंशों की दुर्दशा का अंदाजा खुद ही लग गया होगा, गौशालाओं में मौजूद कर्मचारी स्थानीय पशु चिकित्सक सिर्फ संसाधनों व बजट का रोना रोते रहते हैं, जानवर बीमारी भूंख प्यास के कारण इस भीषण गर्मी में जहां गिर जाता है वहीं पर तड़प तड़प कर दम तोड़ देता है मगर उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। सरकार की तरफ से गोवंश के लिए चारे और अन्य रखरखाव का बजट आवंटित है। बड़े पैमाने पर कागजो में भूसा भी खरीदा जाता है। सारे जानवरो को पर्याप्त खुराक भी ढ़ी जाती है, लेकिन हकीकत तस्वीरों में कैद होकर सामने है।
फैल सकती है महमारी
देश इस समय चीन से आये कोरोना वायरस जैसी गम्भीर महामारी के कारण जो दंश झेल रहा है उसकी स्थिति बतलाने की आवश्यकता नही है, मगर जो तस्वीरें सदर तहसील के राही ब्लाक स्थित वृहद गौशाला बेलाखारा के बाहर से मिली हैं उनको देखकर इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता कि जिस तरह से मवेशियों के शव को कुत्ते नोचकर खा रहे हैं उससे और मवेशियों के शव गर्मी में सड़ने की वजह से बीमारियों के फैलने का भी डर लग रहा है, अब देखना यह है कि जिम्मेदार कब इस तरफ नजर दौड़ाते हैं। गांव निवासी जनप्रतिनिधि क्षेत्र पंचायत सदस्य मुन्ना सिंह ने बताया कि बेलाखारा स्थित गौशाला की स्थिति बहुत ही खराब है, अगर जिम्मेदारो का ध्यान इस तरफ न गया तो गोवंशों की हालत और भी खराब हो जाएगी।
अपडेट –
एडीएम ने लिया संज्ञान
पूरी खबर मीडिया में आने के बाद जहां सीवीओ सवालों की जवाबदेही से बचते रहे और दूरभाष पर अन्यत्र होने की बात बताई वहीं एडीएम प्रशासन राम अभिलाष ने पूरे मामले में कहा कि यदि कहीं ऐसी अव्यवस्था है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है, मृत मवेशियों का सही निस्तारण गढ्ढे में दफन करके की होता है, यदि कहीं शव ऐसे छोड़े गए हैं तो दुर्भाग्यपूर्ण है, साफ सफाई रखना सबका दायित्व है।