योगी जी… फिल्म सिटी की सौगात बुंदेलखण्ड को दीजिए

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राकेश कुमार अग्रवाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में फिल्मसिटी के निर्माण की घोषणा की है . हालांकि सरकार इस फिल्म सिटी को नोएडा – ग्रेटर नोएडा के इर्द गिर्द विकसित करने का मन बना रही है . इस फिल्म सिटी के माध्यम से सरकार का इरादा भारतीय फिल्म उद्योग को विकसित करना है . फिल्म सिटी को बाराबंकी और पूर्वांचल में विकसित करने की मांग भी तेज हो गई है .

रविवार को मशहूर फिल्मकार मधुर भंडारकर की मुख्यमंत्री से उनके आवास पर हुई भेंट के बाद फिल्मसिटी को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है . एक मीडिया समूह द्वारा पूर्वांचल में फिल्मसिटी को विकसित किए जाने की मांग ने सरकार का संशय और बढा दिया है .

सवाल यह है कि आखिर फिल्मसिटी है क्या एवं इसके विकसित होने से क्या फायदा होगा ? हम सभी जानते हैं कि सिनेमा , सीरियल , वेब सीरीज आज भी मनोरंजन का सबसे सशक्त माध्यम है . देश में प्रतिवर्ष लगभग 200 हिंदी फिल्मों के अलावा विभिन्न भाषाओं की मिलाकर देश में 800 फिल्मों का निर्माण होता है . फिल्म या सीरियल निर्माण एक खर्चीला व श्रम साध्य उद्योग है . आउटडोर शूटिंग के लिए फिल्म निर्माण से जुडी सुविधाओं को जुटाना सहज नहीं होता है .
हैदराबाद से 25 किमी. दूर वहां के आधुनिक निजाम कहे जाने वाले फिल्मकार व मीडिया किंग रामोजी राव ने दो हजार एकड से अधिक क्षेत्रफल में फैली दुनिया की सबसे बडी फिल्मसिटी की परिकल्पना को साकार रूप दिया है . इस फिल्मसिटी में एक ही स्थान पर वो सब कुछ उपलब्ध है जिसकी जरूरत एक फिल्मकार को फिल्म निर्माण के दौरान पडती है . प्री प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक सभी सुविधायें रामोजी फिल्म सिटी में मौजूद हैं . आप अपनी स्क्रिप्ट और कलाकार लेकर जाइए और तैयार फिल्म के साथ बाहर निकल सकते हैं .

रामोजी फिल्मसिटी की तर्ज पर यूपी में सरकार फिल्मसिटी विकसित करना चाहती है . प्रदेश में पहले से फिल्मबंधु गठित है . बनारस और लखनऊ में लगातार फिल्मों की शूटिंग होती रहती है .

नोएडा , ग्रेटर नोएडा सरकार के जेहन में पहले से है . बाराबंकी और पूर्वांचल में फिल्मसिटी बने इसकी मांग जोरशोर से की जा रही है . लेकिन इन सब दावों – प्रतिदावों में बुंदेलखण्ड को उपेक्षित छोड दिया गया है . जबकि फिल्मसिटी का निर्माण बुंदेलखण्ड में हो इससे सटीक फैसला कोई नहीं हो सकता है .

सरकार का मकसद फिल्मसिटी के बहाने अविकसित क्षेत्र को विकसित करने का होना चाहिए . बनारस या फिर पूर्वांचल के जिस क्षेत्र में फिल्म सिटी की वकालत की जा रही है वे पहले से बेहतर स्थिति में हैं . बनारस में गाहे बगाहे शूटिंग होती रहती है .

ऐसे में सरकार के लिए बुंदेलखण्ड सबसे मुफीद जगह है . केन्द्र व प्रदेश की सरकारें लम्बे अरसे से बुंदेलखण्ड के विकास की दुहाई देते नहीं थक रही हैं . ऐसे में अगर फिल्मसिटी को बुंदेलखण्ड में विकसित किया जाता है तो सरकार फिल्म इंडस्ट्री से जुडे लोगों के अलावा स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा .
यहां पर फिल्मसिटी के लिए वांछित दो से तीन हजार एकड जमीन सरकार को सहजता से मिल सकती है . चित्रकूट में हवाई अड्डा शुरु होने की कतार में है . निकटवर्ती म.प्र. के बुंदेलखंड के खजुराहो में हवाई सेवा उपलब्ध है . प्रयागराज , कानपुर से भी हवाई सेवा की सुविधा है . रेलवे से आवागमन की बेहतर सेवायें यहां उपलब्ध हैं . समूचे बुंदेलखंड में ऐतिहासिक दृष्टि से किले , महल प्राकृतिक सुषमा की दृष्टि से , जंगल , बीहड , नदी , तालाब , पहाड , डैम , जलप्रपात आदि के अलावा यहां शांति व सुरक्षा है . अयोध्या को चित्रकूट से सीधा जोडा जा रहा है . बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरु हो गया है . चित्रकूट की बरगढ फ्लोट ग्लास फैक्ट्री बनने के बाद से दो दशक से अधिक समय बीत गया लेकिन आज तक चालू नहीं हो पाई . झांसी , महोबा , बांदा , चित्रकूट में आउटडोर शूटिंग के लिए वो सब कुछ है जिसके लिए फिल्मकार विदेशों में जाते हैं. नोएडा क्षेत्र पहले से विकसित हो चुका है . पूर्वांचल विकास के मामले में बुंदेलखण्ड से बहुत बेहतर स्थिति में है . ऐसे में मुख्यमंत्री को राजनीतिक दबाब को दरकिनार कर उपयोगिता और जरूरत को ध्यान में रखकर अविकसित बुंदेलखंड को अगर मुख्यमंत्री जी फिल्मसिटी की सौगात देते हैं तो न केवल बुंदेलखंड में पर्यटन विकास बढेगा .आवागमन सुविधायें सुदृढ होंगी , होटल एवं आतिथ्य उद्योग विकसित होगा . यह क्षेत्र फिल्म निर्माण के क्षेत्र के रूप में उभरेगा बल्कि यहां की प्रतिभाओं को भी टिकट टु बाॅलीवुड मिल सकेगा .

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